संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार छठे दिन भी पक्ष-विपक्ष का सियासी संग्राम जारी रहा. लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कुछ मिनटों में ही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी. लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष में 'स्लोगन वार' जारी रहा. नारेबाजी और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे और फिर अगले दिन सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
संसद में जारी गतिरोध दूर करने के लिए अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पहल की है. ओम बिरला ने सोमवार को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं के साथ गतिरोध दूर करने को लेकर अलग-अलग चर्चा की. स्पीकर ओम बिरला और गृह मंत्री अमित शाह की बैठक आधे घंटे से अधिक चली. स्पीकर ओम बिरला और गृह मंत्री शाह की बैठक में सदन में जारी गतिरोध को लेकर चर्चा हुई.
गृह मंत्री के साथ आधे घंटे से अधिक चली बैठक के बाद लोकसभा के स्पीकर ने अलग-अलग दलों के नेताओं के साथ भी बैठक की. सूत्रों के मुताबिक स्पीकर ओम बिरला ने अलग-अलग दलों के नेताओं के साथ जारी गतिरोध को लेकर चर्चा की और कहा कि सदन की कार्यवाही चलनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि सदन में बजट और फाइनेंस बिल पर चर्चा होनी चाहिए.
अलग-अलग दलों के नेताओं के साथ बैठक में स्पीकर ने सभी से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. वहीं, लगातार छठे दिन संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल पाने को लेकर विपक्षी नेताओं ने सरकार पर हमला बोला. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार अड़ियल रवैया अपनाते हुए विपक्ष को प्रधानमंत्री से जुड़े अडानी महाघोटाले के लिए उपयुक्त JPC की मांग रखने की इजाजत नहीं दे रही है.
राहुल के बयान पर ठप है संसद
गौरतलब है कि राहुल गांधी के लंदन वाले बयान को लेकर संसद ठप है. बीजेपी राहुल गांधी के बिना शर्त माफी मांगने की मांग कर रही है वहीं कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि राहुल माफी नहीं मांगेंगे. राहुल गांधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कहा था कि सरकार के चार-चार मंत्रियों ने संसद में जो आरोप लगाए हैं, उनके जवाब संसद में ही दूंगा.
कल संसद में बोल सकते हैं राहुल
राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर से सदन में बोलने का वक्त मांगा था. स्पीकर ओम बिरला ने राहुल का पत्र रूल 357 के अनुरूप नहीं होने का हवाला देकर उनकी मांग खारिज कर दी थी. इसके बाद राहुल गांधी की ओर से रूल 357 के मुताबिक बोलने का वक्त देने की मांग करते हुए एक और पत्र भेजा गया. स्पीकर ने इसे स्वीकार कर लिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल गांधी अपने लंदन वाले बयान को लेकर 21 मार्च के दिन सदन में बोल सकते हैं.