लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 'आजतक' से खास बातचीत के दौरान नए संसद भवन के निर्माण (सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट) का बचाव किया. उन्होंने कहा नये संसद भवन का निर्माण करना सरकार के अहंकार की बात नहीं है. लोकसभा और राज्यसभा ने सरकार से अनुरोध किया था कि वर्तमान इमारत जो दुनिया में ऐतिहासिक और अद्वितीय है, वह अब 100 साल पुरानी हो गई है. इमारत भूकंप के लिहाज से सुरक्षित नहीं है. यह इमारत कई कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं है.
ओम बिरला ने आगे कहा कि राज्यसभा और सेंट्रल हॉल में बैठना एक मुद्दा है, लेकिन यह नाकाफी है. ग्रीन और डिजिटल इमारत बनाई जा रही है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 900 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं.
खर्च के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमने 400 करोड़ से ज्यादा बचाए हैं, नए भवन से और बचत होगी. नये संसद भवन का निर्माण समय पर होगा, उसमें नई तकनीक का नए सुरक्षा बंदोबस्त का इंतजाम होगा.
संसद की पुरानी इमारत को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसमें कार्यालय जारी रहेगा. वहां सेमिनार और सम्मेलन होंगे. पुरानी संसद भवन में जो खामियां हैं उनको दूर करके नया बनाया जाएगा.
संसद के अगले सत्र जो कि जुलाई में शुरू होगा उसको लेकर ओम बिरला ने कहा कि सांसदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी COVID प्रोटोकॉल लागू रहेंगे. सभी सांसदों से वैक्सीन लेने का अनुरोध किया गया है. 440 लोकसभा सांसद अब तक बता चुके हैं कि उन्होंने वैक्सीन ले ली है.
गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर अब तक जितनी भी आपत्तियां जताई गईं, कोर्ट ने उन्हें निरस्त कर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की हरी झंडी दे दी है. लेकिन फिर भी विपक्ष अभी कोरोना काल में इस प्रोजेक्ट को रोकने की अपील कर रहा है. इसी मुद्दे को लेकर मोदी सरकार के कई मंत्री और विपक्ष के नेताओं में तीखी बहस देखने को मिली है.