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'सदस्यों का निलंबन सदन की गरिमा के लिए, इसका स्मोक अटैक से कोई संबंध नहीं...', ओम बिरला ने लिखी सांसदों को चिट्ठी

सदन के अंदर हुई घटना की गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी ने काम शुरू कर दिया है. इस कमेटी की रिपोर्ट जल्द ही सदन के साथ साझा की जाएगी. उन्होंने कहा कि,  इसके अलावा, 'मैंने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का भी गठन किया है जो संसद परिसर की सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगी

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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (फाइल फोटो)
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (फाइल फोटो)

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों को पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने लोक सभा में घुसपैठ और विपक्षी सांसदों के निलंबन पर स्थिति स्पष्ट की. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सांसदों के निलंबन का मामला संसद की परंपराओं से जुड़ा हुआ है. पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं. घुसपैठ के मामले में जांच समिति का गठन हो चुका है. यह अत्यंत चिंता का विषय है.

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हाईलेवल कमेटी करेगी मामले की जांच
लोकसभा स्पीकर ने कहा कि, 'सदन के अंदर हुई घटना की गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी ने काम शुरू कर दिया है. इस कमेटी की रिपोर्ट जल्द ही सदन के साथ साझा की जाएगी. उन्होंने कहा कि,  इसके अलावा, 'मैंने एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का भी गठन किया है जो संसद परिसर की सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

नई संसद के उद्घाटन में लिया गया था ये संकल्प
यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ माननीय सदस्यों को सदन की सेवा से निलंबित करने के सदन के फैसले को पार्टियां 13 दिसंबर, 2023 को हुई घटना से जोड़ रही हैं. यह अनुचित है. माननीय सदस्यों के निलंबन और 13 दिसंबर, 2023 को हुई घटना के बीच कोई संबंध नहीं है. माननीय सदस्यों का निलंबन पूरी तरह से सदन की पवित्रता को बनाए रखने के लिए है.' उन्होंने कहा, "हमारी संसद के नए भवन के उद्घाटन के समय, हमने संकल्प लिया था कि हम सदन के अंदर तख्तियां लाने से परहेज करेंगे; हम सदन के वेल में हंगामा नहीं करेंगे.

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13 दिसंबर को संसद में हुआ था स्मोक अटैक
बता दें कि, संसद में स्मोक अटैक 13 दिसंबर को हुआ था. इस दौरान शीतकालीन सत्र चल रहा था. इसी दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए. उन्होंने वहां पीला धुआं फैला दिया और नारे भी लगाए. इसी दौरान सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय, दो अन्य लोग अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर "तानाशाही नहीं चलेगी" चिल्लाते हुए भी पीला धुआं छोड़ा. इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर आतंकवाद का आरोप लगाया गया है.

पूछताछ के बाद पुलिस ने कहा कि आरोपी सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए मजबूर करने के लिए देश में "अराजकता पैदा करना चाहते थे". पुलिस ने कहा कि अधिकारी "हमले के पीछे के वास्तविक मकसद" और उसके "किसी अन्य दुश्मन देश के साथ-साथ आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध" की जांच कर रहे हैं.

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