मंगलवार को संसद में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब देते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी. उन्होंने लिंचिंग और हेट स्पीच को लेकर कहा कि NCRB 'अभद्र भाषा' (hate speeh) का डेटा मेंटेन नहीं करता, वहीं यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरआईसी (NRC) तैयार करने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं है.
Oxfam India का रीन्यूअल
गृह मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन की सरकार ने 10 फरवरी, 2022 को आयोजित द्विपक्षीय वार्ता के दौरान विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (FCRA, 2010) के तहत, ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) का मामला उठाया था. इस वार्ता में ब्रिटेन ने ऑक्सफैम इंडिया का स्टेटस शेयर किया था.
उन्होंने कहा कि ऑक्सफैम इंडिया के रीन्यूअल के लिए एप्लिकेश को इसलिए अस्वीकार कर दिया गया था, क्योंकि यह FCRA 2010 की ज़रूरी शर्तों को पूरा नहीं करता था. ऑक्सफैम इंडिया ने FCRA 2010 की धारा 32 के तहत इनकार के आदेश में संशोधन के लिए, एक आवेदन दायर किया है. रजिस्ट्रेशन, रिन्यूअल और रजिस्ट्रेशन कैंसिल करना, एफसीआरए और उसके तहत बनाए गए नियमों और मानदंडों के आधार पर किया जाता है.
लिंचिंग अपराध के रूप में परिभाषित नहीं
गृह मंत्रालय ने जवाब में कहा है कि भारतीय दंड संहिता के तहत, लिंचिंग को अपराध के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सालाना 'क्राइम इन इंडिया' रिपोर्ट में, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB), सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय दंड संहिता और विशेष और स्थानीय कानूनों के तहत आने वाले अपराधों का डेटा प्रकाशित करता है.
मॉब लिंचिग और हेट क्राइम का डेटा प्रकाशित क्यों नहीं किया गया है. इस पर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया कि साल 2017 में, एनसीआरबी ने मॉब-लिंचिंग, हेट क्राइम जैसे मामलों पर डेटा इकट्ठा किया था, लेकिन यह पाया गया कि डेटा पर भरोसा नहीं किया जा सकता था.
उन्होंने कहा कि सरकार को 'द राजस्थान प्रोटेक्शन फ्रॉम लिंचिंग बिल, 2019 और 'द मणिपुर प्रोटेक्शन फ्रॉम मॉब वायलेंस बिल, 2018' मिला है. नोडल मंत्रालयों/विभागों से सलाह करने के बाद राजस्थान सरकार और मणिपुर सरकार से क्रमश: 12.10.2021 और 18.11.2021 को इसपर कुछ स्पष्टीकरण मांगे गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एनसीआरबी 'अभद्र भाषा' (hate speeh) का डेटा मेंटेन नहीं करता.
राष्ट्रीय स्तर पर NRC फिलहाल नहीं
राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा कि अब तक, सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी) तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, असम एनआरसी की इनक्लूज़न और एक्सक्लूज़न की लिस्ट 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित की गई थी.