मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh) के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आज कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) को पूरे बजट सत्र के लिये सदन से निलंबित कर दिया, जिसके बाद सदन में खूब हंगामा हुआ और कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी (BJP) सरकार और स्पीकर के खिलाफ जमकर नारे लगाये. सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया था कि जीतू पटवारी गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह कर रहे हैं.
जीतू पटवारी का आरोप
जीतू पटवारी का आरोप था कि बीजेपी के राज में सरकारी पैसे से भाजपा के दफ्तर में पार्टी कार्यकर्ताओं को खाना खिलाया जा रहा है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जीतू पटवारी से अपने कथन के पक्ष में सबूत सदन के पटल पर रखने की मांग की.जीतू पटवारी ने सरकार की तरफ से पहले दिये गये जवाबों के साथ जो दस्तावेज़ पटल पर रखे उन्हें स्पीकर ने पर्याप्त नहीं माना.
बीजेपी सरकार पर बरसी कांग्रेस
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि जीतू पटवारी को बजट सत्र से निलंबित करना अलोकतांत्रिक कदम है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से निलंबन पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि एकतरफा निलंबन की कार्रवाई विधानसभा की उच्च परंपराओं के अनुकूल नहीं है.
कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने जीतू पटवारी के निलंबन को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा, 'साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्ज में प्रदेश को डूबा दिया. जब हमने यह प्रश्न किया कि यह पैसा जा कहां रहा है तो हमें पता चला कि भाजपा के लोगों को रैलियों के लिए खाना खिलाया जा रहा है.हमारे पास जीतू पटवारी द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब थे. जब हमने कहा कि जवाब सदन के पटल पर रखते हैं तो पूरी सरकार स्पीकर के कमरे में भाग गई.शिवराज सिंह चौहान ने स्पीकर पर दवाब बनाकर जीतू पटवारी से खेद जताने के लिए कहा लेकिन जीतू पटवारी ने कहा मैं एक-एक शब्द पर कायम हूं माफी नहीं मांगूगा बल्कि सरकार को माफी मांगनी चाहिए. तब स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया.'