मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने एक मीडिया बातचीत में कहा कि भोपाल में इंडिया गठबंधन की रैली नहीं हो रही है. इसे रद्द कर दिया गया है. उन्होंने पत्रकारों के पूछने पर दो बार इस बात को दोहराया कि रैली को रद्द किया गया है. जानकारों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने रैली की तैयारी को लेकर असमर्थता जताई थी. इसके बाद रैली कैंसिल कर दी गई.
रैली हुई कैंसिल तो ये बोले सीएम शिवराज
रैली कैंसिल होने पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की लोगों के मन में रोष है. तकलीफ है. कांग्रेस को डर था कि वह रोष कहीं प्रकट न हो जाए. इसलिए गठबंधन की रैली ही कैंसल कर दी. जनता का आक्रोश I.N.D.I.A. गठबंधन और कांग्रेस के खिलाफ है.
इससे पहले मध्यप्रदेश चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया के सवाल पर कहा कि हमारी बात चल रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक है. उसके बाद रैली तय होगी, अभी कुछ भी फाइनल नहीं है.
क्या सच है डर जाने वाली बात?
इन सारी बातों के सामने आने के बाद सवाल उठता है कि आखिर रैली क्यों टल गई? क्या शिवराज सिंह जो डरने वाली बात कह रहे हैं वह सच है? एक तरफ जहां साल 2024 में विपक्षी गठबंधन बीजेपी के खिलाफ एक साथ, एक बैनर के तले आकर चुनाव लड़ने के कवायद में जुटा हुआ है, लेकिन उसके इस फैसले के हौसले बार-बार पस्त दिख रहे हैं. गठबंधन के सामने बार-बार यह सवाल उठ रहे हैं कि किसे पकड़े रहे हैं और किसे जाने दें.
कांग्रेस के लिए पशोपेश की स्थिति
मध्यप्रदेश के चुनावी माहौल में ऐसी ही स्थिति नजर आ रही है. लोकसभा से पहले यहां विधानसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है. कांग्रेस और कमलनाथ इसके लिए बीते पांच साल से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के सामने पशोपेश की स्थिति है कि किस ओर बढ़ें और किस ओर नहीं. ऐसी ही स्थिति तब बन गई, जब अभी-अभी बने इंडि अलायंस ने भोपाल में पहली रैली प्रस्तावित की थी. तय था कि जल्द ही यह रैली की जाएगी. उधर उदयनिधि स्टालिन ने सनातन पर बयान दे दिया. अब कांग्रेस के लिए घिरने वाली स्थिति हो गई.
सनानत विवाद का कितना असर?
असल में स्टालिन की पार्टी डीएमके भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है. उदयनिधि स्टालिन के द्वारा जब सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताया गया तो सीधे कांग्रेस पर बात आ गई कि क्या कांग्रेस भी इसी मानसिकता से सनातन को देखती है. इस एक सवाल ने सारा माहौल बीजेपी के पक्ष में बनाना शुरू कर दिया लिहाजा कांग्रेस के लिए फिर वही स्थिति बन गई कि वह गठबंधन के बजाय पहले खुद की स्थिति सुधारे. कमलनाथ कई बार खुद को सनातनी और हनुमान भक्त बता चुके हैं. कई धार्मिक आयोजन भी करा चुके हैं, अब इंडिया गठबंधन की रैली होने से जाहिर है इन सारी मेहनत पर असर पड़ता. लिहाजा रैली कैंसिल होने की जानकारी कमलनाथ ने खुद ही दी है.
दिल्ली में तय हुई थी भोपाल में रैली की बात
I.N.D.I.A., जिसे इंडी अलायंस भी कहा जा रहा है, इसकी कोऑर्डिनेशन की बैठक दिल्ली में हुई थी. इसी में तय हुआ था कि भोपाल में पहली रैली की जाएगी, जिसकी जानकारी खुद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी थी. यह रैली अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने की बात कही गई थी. हालांकि, अब रैली कैंसिल हो गई है. जानकारों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने रैली की तैयारी को लेकर असमर्थता जताई थी. इसके बाद रैली कैंसिल कर दी गई.
इधर, पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रेस वार्ता में कहा कि, 'मीडिया को मैं ज्यादा समय नहीं देता क्योंकि मैंने ये विभाग शिवराज जी पर छोड़ दिया है. वो टीवी और मीडिया में ज्यादा विश्वास रखते हैं और मैं काम पर विश्वास करता हूं. नौजवान जो बीटेक कर लेता है लेकिन नौकरी नहीं मिलती. कई लोग इंटरव्यू में फेल हो जाते हैं क्योंकि उन्हें इंटरव्यू की ट्रेनिंग नहीं मिलती. इंटरव्यू देने की भी ट्रेनिंग होती है. हमारी सबसे बड़ी चुनौती है गांव के नौजवान'
16 साल सीएम के काम पर नहीं मांग पा रहे वोट
हमारा चुनाव चिह्न पहले 2 बैलो की जोड़ी थी. फिर हमारा चुनाव चिह्न बना गाय और बछड़ा. फिर हमारा चुनाव चिह्न बना पंजा. 2 जमानत जोड़ी मतलब गांव और खेती. गाय और बछड़ा का मतलब गौमाता है. मुझे तो चिंता होती है कि इतनी भीड़ नेताओ की दिल्ली से आ रही है. 16 साल के सीएम के काम पर बीजेपी वोट नहीं मांग पा रही है और आप संकोच कर रहे हैं ये बात भी सोचने वाली है. बीजेपी का मूल चेहरा खो चुका है. भाजपा के अब ये चार चेहरे हैं, अब बनावटी भाजपा, मिलावटी भाजपा, दिखावटी बाजपा और सजावटी भाजपा.
जन आक्रोश यात्रा का उद्देश्य है ध्यान भटकाने और गुमराह करने की राजनीति से हम लोगों को सावधान करें. एमपी में कहां घोटाला नहीं है? भर्ती में घोटाला, राशन दुकान में घोटाला, खाद में घोटाला. हम एमपी के भविष्य को सुरक्षित रखेंगे. भारत सनातन धर्म का देश है और सनातन धर्म क्या कहता है वो बात मैं पहले बोल चुका हूं.
भाजपा का लक्ष्य है ध्यान मोड़ना: कमलनाथ
आज उनका एजेंडा है कि लोगों का ध्यान बदल दो. बीजेपी ने कोई धर्म की एजेंसी ले रखी है? मैंने कोई धार्मिक कार्यक्रम किया तो इनके पेट में दर्द होता है. जनता और मीडिया को समझ है कि अगले तीन महीने में बीजेपी का एक ही काम रहेगा कि ध्यान भटका दो. सनातन पर ले आओ, धर्म पर ले आओ. अगर हमारी सरकार आई तो मैं अब 2018 का मॉडल नहीं 2023 का मॉडल हूं.
19 सितंबर से निकलेगी कांग्रेस की जनाक्रोश यात्राः सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, 'बदहाली और बेहाली के खिलाफ कांग्रेस जनाक्रोश यात्रा 19 सितंबर से शुरू होगी. 11400 किलोमीटर की जन आक्रोश यात्रा रहेगी. 18 साल का शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश अब जन आक्रोश में बदल गया है. आदिवासी, किसान, दलित, युवा, महिलायें सब चाहते हैं शिवराज हटाओ. उन्होंने कहा कि, अलग-अलग क्षेत्र से 7 यात्राएं निकलेंगी. इन्हें, गोविंद सिंह, अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल, कांतिलाल भूरिया, जीतू पटवारी, अजय सिंह, सुरेश पचौरी की देखरेख में निकाला जाएगा.'
सनातन विवाद पर सुरजेवाला ने कहा कि, सनातन परंपरा और सनातन धर्म युगों से था और आगे भी रहेगा. कांग्रेस संस्कारित है इसको आगे बढ़ायेगी. पीएम मोदी एमपी के भ्रष्टाचार पर बात नहीं करेंगे, व्यापमं पर नहीं बोलेंगे, पटवारी भर्ती पर नहीं बोलेंगे? पीएम दलितों पर अत्याचार पर नहीं बोलते? क्या प्रदेश के सीएम को नींद नहीं आती है? इसका जवाब मोदी जी क्यों नहीं देते?