scorecardresearch
 

मध्य प्रदेश में टोल नाकों पर चल रहा वसूली का खेल! सड़क की लागत निकलने के बाद भी लिया जा रहा टोल

मध्य प्रदेश के हाईवे पर अंधादुन टैक्स वसूलने का खेल जारी है. टोल कंपनियां सड़क निर्माण पर आई लागत से कहीं ज्यादा टोल वसूल रही हैं. इतना ही नहीं टोल वसूली की डेडलाइन भी तैयार कर रखी है. मसलन, कुछ हाईवे ऐसे हैं, जिन पर सड़क निर्माण की लागत निकल गई है लेकिन अगले 8-10 साल और टोल वसूले जाने का प्लान है. समझिए इस रिपोर्ट में टोल का खेल.

Advertisement
X
टोल प्लाजा (सांकेतिक तस्वीर)
टोल प्लाजा (सांकेतिक तस्वीर)

मध्य प्रदेश में 2003 में कांग्रेस की सरकार गिरने की पीछे दो सबसे बड़ी वजह थी - बिजली और सड़क. तब आलम यह था कि बिजली कटौती अपने चरम पर थी. पूरे राज्य में सड़कों की हालत जर्जर थी. बीते 15-16 सालों में सड़कों की स्थिति में काफी सुधार किया गया है.

Advertisement

आप भी जब बेहतरीन सड़कों से गुजरते हैं तो आपको हर टोल प्लाजा पर टोल देना पड़ता है. आपके इस टोल के पैसे से टोल कंपनियां करोड़ों रुपये कमा रही हैं. टोल कंपनियों और सरकार की कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टोल से इन्होंने सड़क की लागत काफी पहले निकाल ली है लेकिन टोल का खेल अभी भी जारी है.

यह भी पढ़ें: हरियाणा के टोल प्लाजा पर दिल्ली पुलिस और CISF जवान के साथ मारपीट, Video

हाईवे बनते हैं. विकास दिखता है. सड़कें बनती हैं तो जनता को सहूलियत भी होती है. जनता टोल टैक्स देती है, ताकि सड़क का निर्माण ना रुके. जनता टोल टैक्स देती है ताकि अच्छे हाइवे बनें. आजतक ने एक नई मुहिम शुरु की है, जितना जरूरी उतना ही टोल लीजिए, बाकी जनता को राहत दीजिए.

Advertisement

मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल से देवास के बीच स्टेट हाईवे का निर्माण कराया था. यह एक 4-लेन हाईवे है लेकिन यह हाईवे जितने में बना है उससे कहीं ज्यादा टोल आप लोगों से वसूला जा चुका है. इतना ही नहीं लागत से ज्यादा टोल वसूले जाने के बाद भी टोल वसूलने का खेल जारी है. ये बातें हम हवा में नहीं बल्कि सरकारी कागज के आधार पर कह रहे हैं.

लागत से वसूला जा रहा टोल टैक्स

मध्य प्रदेश सरकार खुद ये मानती है कि भोपाल से देवास तक 4-लेन हाईवे के निर्माण पर 426 करोड़ रुपये की लागत आई थी. मसलन, एक सरकारी दस्तावेज से पता चलता है कि अगस्त 2010 से अब तक 1610 करोड़ रुपए टोल के वसूले जा चुके हैं. मसलन, राज्य सरकार ने आपसे 1,184 करोड़ रुपए ज्यादा टोल वसूल लिए हैं. यही नहीं, सरकार आपसे 9 साल और इस हाईवे पर टोल वसूलेगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएनडी को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसमें टोल को बंद करने का आदेश दिया गया था. दिल्ली नोएडा डीएनडी टोल रोड 407 करोड़ रुपए में बनी थी, जिस पर 2200 करोड़ का टोल टैक्स जनता से लिया जा चुका था, जिसमें आगे कई वर्षों तक टोल वसूली होनी थी. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने इसे गलत बताते हुए टोल फ्री कराया. अब जरूरत है कि देश में ऐसा ही हर उस सड़क को टोल फ्री किया जाए, जहां लगात से कई गुना ज्यादा टैक्स सरकारें लेती आ रही हैं.

Advertisement

किस हाईवे पर कितना वसूला गया टोल टैक्स?

अब जरा राजस्थान की सीमा से शुरू होकर एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर तक जाने वाली नयागांव-जावरा-लेबड़ 4-लेन हाइवे का सच जान लीजिए. 250 किलोमीटर में फैले इस स्टेट हाइवे को बनाने में जितना पैसा खर्च हुआ. उससे चार पांच गुना ज्यादा टोल लेने के बाद भी जनता की जेब से टोल निकालना जारी है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली से 8 करोड़ का सोना बेचने जा रहा था लखनऊ, रास्ते में टोल पर DRI ने पकड़ा... कार की सीट के नीचे मिला दुबई मेड गोल्ड

मध्य प्रदेश में जावरा से नयागांव तक सड़क बनाने की लागत 425.71 करोड़ रुपए आई. इस सड़क पर टोल वसूली 17 फरवरी 2012 से शुरु हुई. अब तक यहां से 2168 करोड़ रुपए टोल वसूला जा चुका है, यानी 1743 करोड़ रुपए ज्यादा. इस सड़क पर सरकार का 26 अक्टूबर 2033 तक टोल वसूलने का प्लान है.

हाईवे पर टैक्स वसूली बंद करने की अपील

स्थानीय लोग कहते हैं कि सड़कें तो अच्छी बन गई हैं लेकिन यहां टोल जो लगता है वो महंगा है. टोल बंद होना चाहिए. जब गाड़ी खरीदते हैं तो रोड टैक्स पहले ही जमा करा लिया जाता है और फिर टोल टैक्स भी देना होता है, जो कि महंगा पड़ता है. इंदौर के रास्ते पर हर 50 किलोमीटर पर एक टोल नाका आता है. 
 
एक स्थानीय प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि टोल नाकों पर पैसा बहुत ज्यादा लगता है. जैसे नयागांव टोल पर 35 रुपए लगते हैं, पिपलिया मंडी पर 55 रुपए लगते हैं, माननखेड़ा में लगते हैं, बिलपांक में लगते हैं. ऐसे लेबड़ तक टोल प्लाजा देना पड़ता है. कहीं 45 रुपये तो कहीं 50 रुपये तो कहीं इससे भी ज्यादा टोल देना पड़ता है. आलम ये है कि आने-जाने दोनों समय टोल देना पड़ता है.

Live TV

Advertisement
Advertisement