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आम आदमी की तरह मंदिर में दर्शन करने पहुंचे जज, 'स्पेशल फीस' पर भड़के, बैठ गई जांच कमेटी

मद्रास हाई कोर्ट के जज एसएम सुब्रमण्यम 17 दिसंबर को अपनी पत्नी और बेटी के साथ वडपलानी मुरुगन मंदिर में दर्शन के लिए गए थे, जहां उन्होंने मंदिर के अंदर टिकटों को लेकर भ्रष्टाचार देखा और उसकी शिकायत दर्ज कराई है.

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मद्रास हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
मद्रास हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

मद्रास हाईकोर्ट के जज एसएम सुब्रमण्यम ने यहां एक मंदिर में स्पेशल दर्शन टिकट जारी करने में पाए गए भ्रष्टाचार को गंभीरता से लिया है. मामले में जज सुब्रमण्यम ने मंदिर प्रशासन पर जमकर तंज भी कसा है. उन्होंने बताया कि शनिवार को जब वो अपने परिवार के साथ वडपलानी मुरुगन मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे तो वहां पर टिकट को लेकर की जा रही गड़बड़ी को देखा.  

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जज सुब्रमण्यम ने इस दौरान ना ही अपनी पहचान को उजगार किया और ना ही कोई वीआईपी दर्शन किए. उन्होंने कहा कि उस जगह ऐसा कोई नोटिस बोर्ड भी नहीं था, जिस पर उस अधिकारी का नाम लिखा हो जिससे अनियमितता होने पर संपर्क किया जा सके. 

मामले के बारे में जानकारी देते हुए जज सुब्रमण्यम ने आगे कहा कि उन्होंने भगवान के दर्शन करने के लिए 50 रुपए वाले तीन स्पेशल दर्शन टिकट लिए, जिसके लिए उन्होंने 150 रुपए का भुगतान किया. लेकिन उनको काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों ने 50 रुपए के दो और एक 5 रुपए का टिकट दिया. ऐसे में जब जज ने इन अलग अलग टिकटों के बारे में सवाल किया तो स्टाफ ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया. 

इस सबके बाद जब जज ने मंदिर के कार्यकारी अधिकारी से बात करने के लिए उनका नंबर मांगा तो वहां मौजूद स्टाफ ने उन्हें नंबर देने से भी इनकार कर दिया. जज ने मंदिर स्टाफ के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों ने उनके परिवार के साथ बहस की और उन्हें मंदिर से बाहर धकेलने की कोशिश भी की. ऐसे में जज सुब्रमण्यम ने कमिश्नर, एचआर एंड सीई के पास एक शिकायत दर्ज की, जिसमें पांच कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने, कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ पर्यवेक्षी चूक की जांच करने और 9 जनवरी 2023 तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की मांग भी की.


 

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