तमिलनाडु सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और AIADMK की मुखिया रहीं जे जयललिता के पोएस गार्डन स्थित आवास को स्मारक में तब्दील करने की घोषणा की थी. इस परिसर में उन्होंने तीन दशक गुजारे थे. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के इस आलीशान आवास का नाम 'वेदा निलयम' है. सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के भतीजे ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया है कि नेताओं के लिये राज्य को कितने स्मारक बनाने की योजना है.
मुख्य न्यायाधीश ने किया सवाल
मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने इस मामले में सुनवाई करते हुये राज्य सरकार से पूछा है कि नेताओं के लिये कितने स्मारक बनाएंगे. मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि केवल एक गांधी, एक नेहरू और एक पटेल हो सकते हैं. आप हर दूसरे नेता के लिये स्मारक नहीं बना सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कई न्यायाधीशों ने शानदार योगदान दिया. यदि उनकी प्रतिमाओं को स्थापित करने के लिये न्यायालय की जगह का इस्तेमाल किया जाता है, तो क्या हालात होंगे. उन्होंने कहा कि कोर्ट में बहुत सारे चित्र हैं और कुछ वर्षों के बाद इन चित्रों के लिये शायद ही कोई जगह होगी.
चार सप्ताह का दिया समय
पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के भतीजे द्वारा मद्रास हाईकोर्ट में डाली गई इस याचिका की सुनवाई के बाद तमिलानाडु सरकार को बड़ा झटका लगा है. मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को चार सप्ताह का समय देते हुए जवाब देने के लिये कहा है. बता दें कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु के 4 साल बाद भी आम जनता के बीच उनका समर्थन कम नहीं हुआ है. जयललिता की लोकप्रियता का फायदा उठाने के लिए राजनेता, उनसे अपनी भावनात्मक निकटता दिखाने के लिए हर समय प्रयास करते हैं. हाल ही में तमिलनाडु के मदुरै से खबर मिली थी कि तमिलनाडु के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार ने दिवंगत जयललिता और AIADMK के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री CM रामचंद्रन का मंदिर बनवाया है. जिसकी कीमत 50 लाख रुपए बताई जा रही है.