उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ (Mahakumbh 2025) की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में आजतक के मंच 'धर्म संसद' में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को लेकर संभल की जामा मस्जिद को लेकर किए गए सवालों पर भी बातचीत की. जामा मस्जिद मामले पर सीएम योगी ने कहा, "दोनों तरह के साक्ष्य हैं- शास्त्रीय प्रमाण है और आस्था के साक्ष्य हैं. ये प्राप्त होते हैं, मुझे लगता है कि न्यायालय को हस्तक्षेप करने की नौबत न आए बल्कि इस्लाम के अनुयाइयों को बड़े सम्मानजनक ढंग से कहना चाहिए कि ये आपकी है. आप अपनी अमानत को संभालिए."
पूजा स्थल कानून को रिव्यू करने की जरूरत पर सीएम योगी ने कहा, "मुझे लगता है कि माननीय न्यायलय उसको देख रहा है और देखेगा भी. आस्था का जरूर सम्मान होगा. भारत एक आस्थावान देश है, ये महाकुंभ का आयोजन उस आस्था का एक प्रतीक है, जहां पर देश और दुनिया का हर आस्थावान व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के यहां पर आएगा."
'नए भारत के लिए...'
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नए भारत के लिए उस आस्था को बहुत पवित्रता के साथ देश के निर्माण और 140 करोड़ भारतीयों को कल्याण के लिए आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा, "देश मुस्लिम लीग की मानसिकता से नहीं चलेगा, भारत की आस्था के अनुरूप चलेगा. हमने दुनिया के हर संप्रदाय के लोगों को आश्रय दिया है. आइन-ए-अकबरी यह बात कहता है कि 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया है. जो भी चीजें हुई हैं, उस पर अगर हिंदू आस्था आग्रह करती है, तो सुना जाना चाहिए."
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सीएम योगी ने कहा, "ये इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है कि अगर किसी भी जगह पर किसी की आस्था ठेस पहुंचाकर एक मस्जिदनुमा ढांचा खड़ा कर दिया गया हो, वहां पर किसी भी तरह की कोई भी इबादत खुदा को मंजूर नहीं होती है."
उन्होंने कहा कि इस्लाम में उपासना के लिए कोई स्ट्रक्चर खड़ा हो, ये जरूरी नहीं है. सनातन धर्म में है कि उपासना के लिए वो मंदिर जाएगा. समय है, हम एक नए भारत के बारे में सोचे हैं, जो भारत अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करे. विरासत और विकास का अद्भुत समन्वय आज नए भारत में देखने को मिल रहा है.