scorecardresearch
 

महाकुंभ में स्नान के लिए उपयुक्त था गंगा-यमुना का पानी, CPCB ने NGT में पेश की नई रिपोर्ट

सीपीसीबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज में हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना नदियों का जल स्नान के लिए उपयुक्त पाया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक, जल गुणवत्ता प्रमुख मानकों जैसे पीएच, घुलित ऑक्सीजन, जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग और फेकल कोलीफॉर्म के मानकों पर खरी उतरी है.

Advertisement
X
महाकुंभ (पीटीआई)
महाकुंभ (पीटीआई)

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का पानी स्नान के लिए उपयुक्त था. बोर्ड ने ये रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सबमिट की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आंकड़ों के विश्लेषण में पानी की गुणवत्ता प्रमुख मानकों पर खरी उतरी.

Advertisement

एनजीटी में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा वेरिएबिलिटी की वजह से स्टेटिस्टिकल एनालिसिस जरूरी थी, क्योंकि इस दौरान अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग जगहों के सैंपल कलेक्ट किए गए थे, और उसी दिन अलग-अलग लोकेशन के भी सैंपल लिए गए थे. इसी वजह से इन पानी के नमूनों से पूरे नदी की जल गुणवत्ता का सही आकलन नहीं हो पा रहा था.

यह भी पढ़ें: महाकुंभ मेला खत्म, फिर भी संगम में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़, भक्तों के लिए सरकार ने किए स्थायी इंतजाम!

सीपीसीबी ने की पानी की गुणवत्ता की निगरानी

हालांकि, हालिया रिपोर्ट पर दावा है कि इसे 28 फरवरी को तैयार किया गया था, लेकिन एनजीटी की वेबसाइट पर 7 मार्च को अपलोड की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने जनवरी 12 से लेकर महाकुंभ के दौरान हर सप्ताह दो बार जल की निगरानी की. गंगा नदी पर पांच स्थानों और यमुना नदी पर दो स्थानों पर यह विशेषज्ञ समिति द्वारा की गई.

Advertisement

28 फरवरी को तैयार की गई थी रिपोर्ट

अब महाकुंभ का समापन हो चुका है और इस दौरान नदियों के पानी में स्नान करने को लेकर सवाल खड़े किए गए थे कि इससे लोग बीमार पड़ सकते हैं. बीते दिनों एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पानी की गुणवत्ता स्नान करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं. फरवरी 17 को सीपीसीबी ने NGT को सूचित किया कि विभिन्न स्थानों पर पानी की गुणवत्ता समय-समय पर स्नान के लिए मानकों पर खरी नहीं उतरी.

यह भी पढ़ें: प्रयागराज महाकुंभ की भीड़ का चोरों-जेबकतरों ने उठाया फायदा! एक के पास से ही मिले ₹60 लाख के 90 मोबाइल, रेलवे स्टेशन पर दबोचा गया

रिपोर्ट में कहा गया है कि महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोग स्नान करते हैं, जो फेकल स्तर में वृद्धि का कारण बनता है. मामला अब सुनवाई के लिए 7 अप्रैल को लिस्ट किया गया है. याचिकाकर्ता के वकील के तौर पर अधिवक्ता सौरभ तिवारी कोर्ट में पेश हुए थे.

Live TV

Advertisement
Advertisement