भिवानी कांड के आरोपी मोनू मानेसर के समर्थन में आज महापंचायत आयोजित की गई थी. इसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस महापंचायत में पुलिस को खुली धमकी दी गई. इस महापंचायत में कहा गया, 'पुलिस अगर मोनू के गांव गई तो अपने पैरों पर वापस नहीं जाएगी.'
पुलिस को दी गई इस खुली धमकी के बाद जब आजतक ने एसीपी हरिंदर कुमार से बात की तो उन्होंने कहा, अगर जरूरी हुआ तो पुलिस निश्चित रूप से गांव में दाखिल होगी. साथ ही यह भी कहा कि शस्त्र लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि हरियाणा के भिवानी के लोहारू में 16 फरवरी यानी गुरुवार को जली हुई एक बोलेरो कार में दो कंकाल मिले थे. मृतकों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के रूप पर हुई. दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे. मृतकों के परिजनों ने बुधवार को नासिर और जुनैद के अगवा होने की शिकायत दर्ज कराई थी. मृतकों के परिजनों ने अपनी शिकायत में कहा था कि बजरंग दल के कार्यतकर्ताओं ने दोनों का भरतपुर से अपहरण किया. इस मामले में पुलिस ने बजरंग दल और गौ रक्षा दल के मोनू मानेसर समेत 5 लोगों पर मामला दर्ज किया था.
जुनैद के परिवार से ही निकलेगा गुनहगार
इसी मामले के आरोपी मोनू मानेसर के समर्थन में आज महापंचायत का आयोजन किया गया था. इस दौरान एक हिंदूवादी नेता ने कहा, 'अगर जुनैद के परिवार को टॉर्चर किया जाए तो असली गुनहगार उसी के परिवार वाले मिलेंगे. यह लोग गौ तस्करी को जारी रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.'
गौ तस्करी से जुड़ा है मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि जुनैद और नासिर की हत्या का मामला गौ तश्करी से जुड़ा हुआ है. दरअसल, मृतक जुनैद पर गौ तस्करी के 5 मामले दर्ज थे. जबकि नासिर का कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं मिला है.
कौन है मोनू मानेसर?
मोनू मानेसर का पूरा नाम मोहित है. वह मानेसर का रहने वाला है. पिछले 10-12 साल से बजरंग दल से जुड़ा है. वह पिछले कुछ सालों से गो तस्करों से मुठभेड़ में मुख्य चेहरे के तौर पर सामने आया है. मोनू पर युवक को गोली मारने का भी आरोप लग चुका है. इस केस में वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है. मोनू काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स का भी सदस्य है.