scorecardresearch
 

छत्तीसगढ़ तक पहुंची महाराष्ट्र के बिटकॉइन मामले की आंच, ED की टीम ने रायपुर में की जांच

बीजेपी ने एनसीपी (SP) नेता और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले के कथित वॉयस नोट्स चलाकर गंभी आरोप लगाए थे. बीजेपी ने कहा था कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने की कोशिश की जा रही है.

Advertisement
X
ED
ED

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बीच बिटकॉइन विवाद को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. महाराष्ट्र के इस मामले की आंच छत्तीसगढ़ तक पहुंच गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बुधवार को रायपुर की ऑडिट कंपनी के कर्मचारी गौरव मेहता के घर पर छापेमारी की है. मेहता पर राजनीतिक बिटकॉइन ट्रांजेक्शन मामले में शामिल होने का आरोप है.

Advertisement

रायपुर में गौरव मेहता के घर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के प्रावधानों के तहत कवर किया जा रहा है. ईडी का यह एक्शन ऐसे समय में हो रहा है, जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ है. बता दें कि बीजेपी ने एक दिन पहले (19 नवंबर) ही एनसीपी (SP) नेता और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले के कथित वॉयस नोट्स चलाकर गंभी आरोप लगाए थे. बीजेपी ने कहा था कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने की कोशिश की जा रही है.

ईडी ने बढ़ाया जांच का दायरा

ED सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी ने क्रिप्टो (बिटकॉइन) संपत्ति पोंजी घोटाले में जांच का दायरा बढ़ा दिया है. गौरव मेहता और कुछ दूसरे लोगों के राजनेताओं, राजनीतिक रूप से प्रभावित व्यक्तियों और नौकरशाहों के साथ 'संबंधों' की जांच की जा रही है. बता दें कि बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कुछ ऑडियो क्लिप जारी करते हुए दावा किया था कि इसमें कथित तौर पर सुप्रिया सुले और नाना पटोले की आवाजें हैं. इससे संकेत मिलता है कि चुनाव अभियान के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल किया गया. 

Advertisement

गौरव मेहता को नहीं जानती: सुले

हालांकि, सुप्रिया सुले ने इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने आरोपों को झूठा करार देते हुए इसके खिलाफ चुनाव आयोग और राज्य के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में शिकायत की है. उन्होंने कहा है कि वह गौरव मेहता को नहीं जानती हैं. नाना पटोले ने भी BJP के आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि जो क्लिप प्रसारित की जा रही हैं, उसमें उनकी आवाज नहीं हैं.

चुनाव में हुआ पैसे का इस्तेमाल!

बता दें कि गौरव मेहता का नाम पूर्व आईपीएस अधिकारी रविंद्रनाथ पाटिल के खुलासे के बाद आया है. पाटिल ने 2018 के इस घोटाले में मुख्य गवाह के तौर पर मेहता का नाम लिया था. दरअसल गौरव मेहता उस कंसल्टेंसी के लिए काम कर रहे थे, जो 6600 करोड़ रुपये के क्रिप्टो करेंसी घोटाले में पुणे पुलिस की मदद कर रही थी. पूर्व आईपीएस अधिकारी रविंद्रनाथ पाटिल ने दावा किया था कि सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने बिटकॉइन के बदले कैश के लिए गौरव मेहता से संपर्क किया था और इस पैसे का इस्तेमाल महाराष्ट्र चुनाव में किया था.

Live TV

Advertisement
Advertisement