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असली NCP कौन? चुनाव आयोग आज सुनेगा दोनों गुटों के पक्ष

एनसीपी पर फैसला करने के लिए चुनाव आयोग आज 6 अक्टूबर को इसकी सुनवाई करने वाला है. इससे पहले एनसीपी लीडर सोनिया दुहन ने कहा कि, 'हम लोग ने सारे दस्तावेज EC  को दिए हैं . 1999 से पवार साहब एनसीपी के अध्यक्ष हैं. पिछले साल ही सभी लोगों ने एकमत होकर शरद पवार को दोबारा अध्यक्ष चुना.

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एनसीपी चीफ शरद पवार (फाइल फोटो)
एनसीपी चीफ शरद पवार (फाइल फोटो)

पार्टी में टूट के बाद अपनी पहचान वापस पाने के लिए जूझ रही एनसीपी (शरद पवार गुट) के लिए शुक्रवार का दिन परीक्षा की घड़ी साबित होने वाला है. असली कौन-नकली कौन को लेकर एनसीपी पर फैसला करने के लिए चुनाव आयोग आज 6 अक्टूबर को इसकी सुनवाई करने वाला है. वहीं इसके पहले शरद पवार गुट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में शक्ति प्रदर्शन किया. वहीं, पवार ने चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ की परवाह किए बिना अपनी पार्टी की जीत का भरोसा जताया. 

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हमने EC को दिए हैं सारे दस्तावेजः सोनिया दुहन
एनसीपी लीडर सोनिया दुहन ने कहा कि, 'हम लोग ने सारे दस्तावेज EC  को दिए हैं . 1999 से पवार साहब एनसीपी के अध्यक्ष हैं. पिछले साल ही सभी लोगों ने एकमत होकर शरद पवार को दोबारा अध्यक्ष चुना. अब हमारा अगला अध्यक्ष पद का चुनाव 2025 में होना है. ऐसे में उनके अध्यक्ष ना रहने का सवाल ही नहीं उठाता हमने सारे दस्तावेज चुनाव आयोग को दिए हैं.

'हमें तोड़ने की कोशिश नहीं होने देंगे कामयाब' 
एनसीपी के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने भी कहा कि, 'पवार साहब हम लोग के नेता हैं और वह नेता रहेंगे हम लोग ही एनसीपी हैं. हमें तोड़ने की कोशिश हम कामयाब नहीं होने देंगे. एनसीपी एकजुट है. सोनिया दुहन ने कार्यसमिति की बैठक के विषय में बताते हुए कहा कि, 'शरद पवार एनसीपी बाहरी हमलों के सामने एक साथ खड़ी है.

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हम बाहरी दबाव से नहीं रुकेंगे. शरद पवार को एनसीपी के अध्यक्ष के रूप में फिर से निर्विरोध चुना गया. दलबदल की कड़ी निंदा की गयी. हम प्रेस पर हमले की निंदा करते हैं और मीडिया के साथ खड़े हैं. हम जन प्रतिनिधियों की राजनीति से प्रेरित गिरफ्तारी की निंदा करते हैं. पवार नेतृत्व में हमारा पूरा विश्वास है. 

गुरुवार को हुई थी कार्यसमिति की बैठक
बता दें कि गुरुवार को शरद पवार (82) ने एनसीपी की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उनके नेतृत्व पर विश्वास व्यक्त किया गया और ‘कुछ उन निर्वाचित प्रतिनिधियों की हरकतों की कड़ी निंदा की गई जो पार्टी से अलग हो गए.’

यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब शुक्रवार को चुनाव आयोग पार्टी के नाम और निशान पर शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के प्रतिद्वंद्वी धड़ों के दावों पर सुनवाई करने वाला है. आज की बैठक में पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘पूरी पार्टी फिर से शरद पवार के नेतृत्व में अटूट विश्वास जाहिर करती है और उनके मार्गदर्शन में देश में भावी चुनावों की तैयारी कर रही है.’’

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