विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट पार्क का नाम बदलने के कयास लगाए जाने लगे हैं और कह जा रहा है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदलकर 'रामगंगा नेशनल पार्क' रखा जा सकता है. हालांकि इन कयासों के बीच महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने
पार्क का नाम बदलने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. जिम कॉर्बेट ने अपना पूरा जीवन कुमाऊं के जंगलों में बिताया. भारत उनके खून में था. भारतीय वनों के बारे में उनसे ज्यादा कोई नहीं जानता था. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण नहीं बल्कि केवल मूर्खता है.
उत्तराखंड में टाइगर रिजर्व के लिए विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम भविष्य में बदलकर 'रामगंगा नेशनल पार्क' किए जाने की चर्चा है.
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अश्विनी चौबे ने दिए बदलाव के संकेत
केंद्रीय वन और पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भारत के पहले नेशनल पार्क के नाम में बदलाव के संकेत दिए, जो करीब 521 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है. उन्होंने हाल ही में पार्क के अपने दौरे पर एक संग्रहालय अतिथि पुस्तक में इसका उल्लेख किया था.
उन्होंने लिखा कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क किया जाए. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक राहुल ने इसकी पुष्टि की लेकिन आगे कोई और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
हालांकि, पार्क के संभावित नाम परिवर्तन पर वन्यजीव प्रेमियों ने नाराजगी व्यक्त की है. वन्यजीव प्रेमी प्रकाश किमोथी ने कहा, 'हमें नाम बदलने से ज्यादा अपनी विरासत को संरक्षित करने पर ध्यान देना चाहिए.'
अगर जिम कॉर्बेट पार्क का नाम बदला जाता है तो यह पहली बार नहीं होगा. 1936 में अपनी स्थापना के समय इस पार्क का नाम हैली नेशनल पार्क रखा गया था, दो दशक बाद इसका नाम शिकारी से संरक्षणवादी बने जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया. हालांकि, कुछ समय के लिए इसे रामगंगा नेशनल पार्क का नाम भी दिया गया क्योंकि गंगा की एक सहायक नदी रामगंगा इससे होकर गुजरती है. अधिकांश पार्क नैनीताल जिले में पड़ता है और बाघों के अच्छी खासी संख्या के लिए प्रसिद्ध है.