scorecardresearch
 

मुंबई: घाटकोपर में जानलेवा होर्डिंग लगाने की छूट देने वाले IPS अफसर पर गिरी गाज, सस्पेंड

निलंबन आदेश में कहा गया है कि 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी उस समय मुंबई में सरकारी रेलवे पुलिस आयुक्त थे, जब उन्होंने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना, घाटकोपर (पूर्व) में जीआरपी की जमीन पर विशाल होर्डिंग लगाने की मंजूरी एक विज्ञापन कंपनी Ego Media Pvt Ltd को दे दी थी.

Advertisement
X
मुंबई के घाटकोपर में पेट्रेल पंप पर गिरी होर्डिंग का दृश्य (फाइल फोटो)
मुंबई के घाटकोपर में पेट्रेल पंप पर गिरी होर्डिंग का दृश्य (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने मंगलवार को आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद को निलंबित कर दिया. आरोप है कि उन्होंने डीजीपी ऑफिस की मंजूरी के बिना रेलवे की जमीन पर एक बड़ी होर्डिंग लगाने की अनुमति दे दी थी. पिछले महीने इस होर्डिंग के गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. एजेंसी के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि होर्डिंग को मंजूरी देने में आईपीएस की तरफ से प्रशासनिक चूक और अनियमितताएं की गई थीं.

Advertisement

मुंबई के घाटकोपर इलाके में 140×120 फीट का होर्डिंग 13 मई को तेज हवाओं और बेमौसम बारिश के दौरान एक पेट्रोल पंप पर गिर गया था.

अधिकारी ने कहा कि राज्य के गृह विभाग ने खालिद के निलंबन का आदेश जारी किया है, जो मौजूदा वक्त में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या एडीजी (नागरिक अधिकारों का संरक्षण) के रूप में तैनात हैं.

प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप

आदेश में कहा गया है कि 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी उस समय मुंबई में सरकारी रेलवे पुलिस आयुक्त थे, जब उन्होंने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना, घाटकोपर (पूर्व) में जीआरपी की जमीन पर विशाल होर्डिंग लगाने की मंजूरी एक विज्ञापन कंपनी Ego Media Pvt Ltd को दे दी थी.

निलंबन आदेश के मुताबिक, होर्डिंग गिरने की घटना के संबंध में प्रारंभिक जांच की गई थी और महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (DGP) द्वारा 21 मई को गृह विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट में बिलबोर्ड को मंजूरी देने में घोर अनियमितताएं और प्रशासनिक खामियां पाई गई थीं.

Advertisement

आदेश के मुताबिक, सरकार ने डीजीपी कार्यालय की मंजूरी के बिना होर्डिंग को मंजूरी देने में प्रशासनिक चूक और अनियमितताओं के संबंध में खालिद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है.

यह भी पढ़ें: मुंबई: घाटकोपर होर्डिंग गिरने के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने दो और लोगों को किया गिरफ्तार

आदेश में कहा गया है कि सीनियर आईपीएस अधिकारी ने जीआरपी जमीन पर 120x140 वर्ग फुट आकार के एक बड़े होर्डिंग को लगाने की अनुमति देकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और इस प्रक्रिया में स्वीकृत मानदंडों का उल्लंघन किया, जैसा कि जांच रिपोर्ट में बताया गया है.

आदेश के मुताबिक, सरकार इस बात से संतुष्ट है कि अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के नियम 3 (1) के प्रावधानों के अनुसार आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद को निलंबित करना जरूरी है. सरकार ने एडीजी रैंक के अधिकारी को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है.

निलंबन अवधि के दौरान खालिद का मुख्यालय मुंबई में डीजीपी कार्यालय होगा. आदेश में कहा गया है कि वह डीजीपी की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे और निलंबन अवधि के दौरान उन्हें कोई निजी नौकरी स्वीकार करने या किसी अन्य व्यापार या व्यवसाय में शामिल होने से रोक दिया गया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: सपा ने वाराणसी में लगवाए 'घमंड टूटने की बधाई' वाले होर्डिंग, नगर निगम ने हटवाया

होर्डिंग दुर्घटना मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की एक विशेष जांच टीम (SIT) ने Ego Media के मालिक भावेश भिंडे, कंपनी की तत्कालीन निदेशक जान्हवी मराठे, उनके सहयोगी और स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज संघू को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने होर्डिंग के लिए स्थिरता प्रमाण पत्र जारी किया था.

क्या है होर्डिंग कंपनी का रिश्वत कनेक्शन?

यह निलंबन ऐसे वक्त में किया गया है, जब मुंबई पुलिस कथित तौर पर होर्डिंग के मालिकाना हक वाली कंपनी और आईपीएस अधिकारी की पत्नी के कारोबारी सहयोगी से जुड़े कई पैसों के लेन-देन की जांच कर रही है. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने रविवार को आरोप लगाया कि विज्ञापन कंपनी के निदेशक भिंडे ने खालिद की पत्नी की कंपनी को 46 लाख रुपये की रिश्वत दी थी.

सोमैया ने सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में यह भी दावा किया कि मुंबई के घाटकोपर और दादर इलाकों में “दो ​​दर्जन अवैध होर्डिंग्स” के लिए रेलवे पुलिस और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) अधिकारियों को ईगो मीडिया द्वारा 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.

सोमैया ने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि घाटकोपर होर्डिंग्स त्रासदी मामले में पुलिस एसआईटी को 46 लाख रुपये की रिश्वत के सबूत मिले हैं. विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे ने मोहम्मद अरशद खान के जरिए कैसर खालिद (रेलवे पुलिस आयुक्त) को 46 लाख रुपये का भुगतान किया. मोहम्मद अरशद खान ने ये 46 लाख रुपये महापात्रा गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड में जमा किए.

Advertisement

यह भी पढ़ें: मुंबईः स्टैबिलिटी सर्टिफिकेट जारी होने से 2 महीने पहले लग गया था होर्डिंग, पुलिस की जांच में बड़े खुलासे

पूर्व सांसद ने कहा कि महापारा गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड का गठन 20 जून 2022 को आईपीएस अधिकारी खालिद की पत्नी सुम्मना कैसर खालिद और अरशद खान द्वारा किया गया था.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अरशद खान से पहले भी एसआईटी ने पैसे के लेनदेन को लेकर पूछताछ की थी और दोबारा भी तलब किया था.

Live TV

Advertisement
Advertisement