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धर्म, जाति और शादी का वो गणित, जिसमें फंस सकते हैं समीर वानखेड़े?

समीर वानखेड़े की जाति को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं. नवाब मलिक ने लगातार उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ. अब समीर वानखेड़े का निकाहनामा भी जारी कर दिया है.

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समीर वानखेड़े
समीर वानखेड़े
स्टोरी हाइलाइट्स
  • समीर वानखेड़े के पिता ने मुस्लिम से शादी की
  • समीर वानखेड़े की पहली शादी का निकाहनामा
  • समीर की जाति पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं

एनसीपी नेता और उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं. नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर सबसे बड़ा आरोप लगाया और उनकी शादी के फोटो और निकाहनामा को सार्वजनिक कर दिया. साथ ही नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के धर्म पर‍िर्वतन को लेकर सवाल भी खड़े कर दिए हैं. शादी, जाति और धर्म के गणित में समीर वानखेडे़ बुरी तरह से उलझ गए हैं, जिससे उनका बाहर निकालना आसान नहीं है. 

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मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाणपत्र ट्वीट किया और कहा कि यहां से फर्जीवाड़ा शुरू होता है. बर्थ सर्टिफकेट में उनका नाम समीर वानखेड़े दाऊद लिखा हुआ है. इसके बाद नवाब मलिक ने बुधवार को समीर वानखेड़े की पहली शादी शबाना कुरैशी के साथ हुई जिसका निकाहनामा जारी किया. इसके मुताबिक 7 दिसंबर 2006 को गुरुवार की रात 8 बजे लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में समीर दाऊद वानखेड़े और शबाना कुरैशी का निकाह हुआ. निकाह में मेहर की रकम 33000 हजार रुपये थी और गवाह अजीज खान थे, जो समीर वानखेड़े की बड़ी बहन यास्मीन दाऊद वानखेड़े के पति हैं. 

समीर वानखेड़े का परिवार

समीर वानखेड़े के पिता द्यानदेव केचुरुजी वानखेड़े का जन्म महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने मुस्लिम महिला जाहेदा से शादी की, जिससे उनके दो बच्चे हुए. एक समीर वानखड़े और दूसरी उनकी बहन यास्मीन. नवाब मलिक के द्वारा जारी जन्म प्रणाण पत्र के मुताबिक समीर और यास्मीन अपने नाम के साथ दाऊद भी लगाते हैं. हालांकि, समीर वानखेड़े के मुताबिक वो एक सेक्युलर, द्विधर्मीय और कम्पोजिट परिवार से जुड़े हुए हैं.

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समीर वानखेड़े के पिता ने भी स्वीकार किया है कि उनके बेटे ने साल, 2006 में डॉक्टर शबाना कुरैशी से शादी की. बाद में दोनों के बीच 2016 में तलाक हो गया. इसके साल, 2017 में मराठी फिल्म अभिनेत्री क्रांति रेडकर के साथ उन्होंने शादी की. उनके दो बच्चे भी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि समीर वानखेडे़ ने अगर शबाना कुरैशी से निकाह किया है तो ऐसा करने के लिए उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकार करना पड़ा होगा. अगर कोई ऐसा करता है तो दलित आरक्षण से वंचित हो जाता है. 

जाति का पेंच

बता दें कि भारतीय संविधान में 30 जनवरी 1950 को एक प्रेजिटेंशल ऑर्डर लाया गया था, जिसमें दलित जो हिंदू होंगे उन्हें ही अनुसूचित जाति (एसी) कटैगरी कास्ट का पूरा लाभ मिलेगा बाकि दूसरे धर्म के लोग एससी में नहीं माने जाएंगे. हालांकि, बाद में इसमें समय-समय पर संशोधन किया गया. कबीर पंथियों ने आंदोलन किया तो उन्हें छूट दे दी गई, सिखों ने आंदोलन किया तो उन्हें छूट मिली. उसके बाद 1991 में वीपी सिंह के आने के बाद हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म अपनाने वाले नवबौद्ध को छूट मिली. महाराष्ट्र में दलित समाज में आने वाली महार जाति के लोग बड़ी संख्या में नवबौद्ध बने हैं. 

हालांकि, देश में कोई हिंदू दलित जाति का व्यक्ति ईसाई और मुस्लिम धर्म अपनाता है, उसकी जाति समाप्त हो जाती है. यह देश के कानून में प्रावधान है और वो एससी आरक्षण से भी वंचित हो जाता है. समीर वानखेड़े ने अगर इस्लाम धर्म में रहते हुए जाति प्रमाण बनवाया और उसका लाभ उठाया तो संविधान के मुताबिक ऐसा गलत है. ऐसे में समीर वानखेड़े साल 2008 में आईआरएस यानी इंडियन रेवन्यू ऑफिसर बने.

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नवाब मलिक के द्वारा समीर वानखेड़े का बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया गया है, जिसके मुताबिक वो मुस्लिम हैं. ऐसे में दलित की श्रेणी में नहीं आते हैं. इसके बाद नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े का निकाहनामा जारी किया है, जिसमें इस्लाम धर्म के अनुसार उन्होंने शबाना कुरैशी से निकाह किया. 

काजी का भी आया बयान

नवाब मलिक के द्वारा जारी निकाहनामे के बाद समीर वानखेड़े और शबाना कुरैशी का निकाह पढ़ाने वाले काजी का बयान भी सामने आ गया. काजी मुजम्मिल अहमद ने बताया है कि ये निकाहनामा सही है और उन्होंने ही दोनों का निकाह पढ़ाया है. काजी ने कहा है कि शादी के वक्त समीर, शबाना, पिता सब मुसलमान थे, अगर समीर हिंदू होते तो निकाह ही नहीं होता, क्योंकि इस्लामिक शरियत के हिसाब से ऐसा नहीं हो सकता. 

पिता ने बताया- निकाहनामा सही

हालांकि, समीर वानखेड़े के बचाव में उनके पिता द्यानदेव सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि निकाहनामा सच है, लेकिन हम हिंदू हैं. मैं, मेरा बेटा और बेटी एक छोटा परिवार है और हम सब हिंदू हैं. मेरी पत्नी मुस्लिम थी.' वानखेड़े के पिता से जब निकाहनामे पर उनके दाऊद नाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'वो एक बड़ी शादी थी, मैं उर्दू नहीं समझता, मेरी पत्नी ने लिख दिया होगा.

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इससे एक बात साफ है कि समीर वानखेड़े ने दो शादियां की हैं और उनके पिता ने एक मुस्लिम महिला से शादी की थी.

वहीं, समीर की दूसरी पत्नी क्रांति रेडकर ने ट्वीट कर कहा था 'मैं और मेरे पति समीर, दोनों जन्म से हिंदू हैं. हमने कभी भी धर्म परिवर्तन नहीं किया है. हम सभी धर्मों की इज्जत करते हैं. समीर के पिता भी हिंदू हैं और उन्होंने मेरी मुस्लिम सास से शादी की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. समीर की पिछली शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई थी और साल 2016 में तलाक हो गया. हमारी शादी साल 2017 में हिंदू मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है. 

हालांकि, समीर वानखेडे़ की पहली शादी का निकाहनामा सामने आने के बाद जगजाहिर हो गया है कि उन्होंने इस्लामिक शरियत के लिहाज से शादी की है. ऐसे में नवाब मलिक के एक के बाद एक खुलासे करने से समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. नवाब मलिक पहले ही कह चुके हैं कि एक साल के अंदर समीर वानखेड़े जेल में होंगे और उनकी नौकरी भी जाएगी. अब देखना है कि जाति, धर्म और शादी के बीच उलझे समीर वानखेड़े कैसे इस चक्रव्यूह से बाहर निकलते हैं. 


 

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