महाराष्ट्र (Maharashtra) में औरंगजेब पर बनी फिल्म से शुरू हुआ विवाद कब्र तक पहुंचा और उसके बाद हिंसक रूप ले लिया. नागपुर के महाल में सोमवार रात दो गुटों के बीच विवाद के बाद हिंसा भड़क गई थी. महाल के बाद देर रात हंसपुरी इलाके में भी हिंसा हुई. अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी. इस दौरान जमकर पथराव किया गया. हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
हिंसा और आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं. हिंसा के डीसीपी अर्चित चांडक, डीसीपी निकेतन कदम और डीसीपी शशिकांत सातव घायल हुए थे. नागपुर के निजी हॉस्पिटल में इन तीनों पुलिसकर्मियों का इजाल चल रहा है.
पुलिसकर्मियों का चल रहा इलाज
डीसीपी निकेतन कदम के हाथ में 20 टांके लगे हैं. उन पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ था. डीसीपी शशिकांत सातव को घुटने में चोट आई है. इसके अलावा, डीसीपी अर्चित चांडक को मामूली चोटें आई हैं और उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. तीनों पुलिसकर्मियों की हालत स्थिर बताई जा रही है और आज शाम तक हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है.
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महाराष्ट्र सरकार में मंत्री योगेश रामदास कदम ने नागपुर हिंसा पर कहा, "मामले में जांच चल रही है. 47 लोगों को डिटेन किया है, 14 पुलिसकर्मी और 3 नागरिक जख्मी हैं. हम हिंसा के पीछे की मूल वजह की खोज कर रहे हैं. जिसने भी ये बर्बरता की है, उस पर कार्रवाई की जाएगी.
औरंगजेब की मजार पर बढ़ाई गई सुरक्षा
खुल्दाबाद में औरंगजेब की मजार पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. स्थानीय प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दुकानों को बंद रखने की गुजारिश की है. मजार पर आने वाले लोगों की मेटल डिटेक्टर से जांच की जाएगी. नागपुर में दंगे भड़कने के बाद प्रशासन खुल्दाबाद में एहतियात बरत रहा है.