महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर सियासी संकट गहराता जा रहा है. शिवसेना के बागी विधायक 5 दिन से गुवाहाटी में डेरा जमाए हैं. बागी विधायकों का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे हैं. उद्धव और शिंदे गुट में लगातार शह और मात का खेल देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को शिंदे गुट ने गुवाहाटी के होटल में दोपहर 2 बजे एक बैठक बुलाई है.
1. विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल आज बड़ा कदम उठा सकते हैं. वे शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर 26 जून तक जवाब देने के लिए कह सकते हैं. इस नोटिस के जरिए विधायकों को अयोग्य ठहराने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. बागी विधायकों से कहा जा सकता है कि क्यों ना उन्हें अयोग्य ठहराया जाए. जिरवाल उन्हें विधानसभा में सुनवाई के लिए उपस्थित रहने के लिए भी कह सकते हैं.
2. दोपहर में शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. इसमें उद्धव पार्टी नेताओं के साथ सियासी संकट पर मंथन करेंगे और आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे. इससे पहले उद्धव ने शुक्रवार को एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ दो घंटे तक बैठक की थी और बागी विधायकों को लेकर चर्चा की थी.
3. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को आज हरकिसनदास अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने की संभावना है. कोश्यारी कोरोना संक्रमित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती थे.
4. बागी विधायकों की विधानसभा से सदस्यता रद्द होने के संकट पर एकनाथ शिंदे भी मोर्चा संभाल सकते हैं. वे अयोग्यता की प्रक्रिया के खिलाफ कानूनी सलाह ले सकते हैं. शिंदे खेमे के बचाव में दिल्ली के एक बेहद चर्चित वकील के नेतृत्व में 29 वकीलों की एक टीम लगाई जा सकती है.
5. आदित्य ठाकरे आज शाम को शिवसेना कार्यकर्ताओं से मिलने वाले हैं. उन्होंने हर दिन पार्टी कार्यकर्ताओं के एक ग्रुप से मिलने का प्लान बनाया है. आदित्य ने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने और उद्धव ठाकरे पर विश्वास बनाए रखने के लिए कार्यकर्ताओं से मिलने का फैसला किया है.
यह भी संभावित है...
1. सभी की निगाहें एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर हैं. अगर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल एकनाथ शिंदे और उनके 15 समर्थक विधायकों को अयोग्य ठहराते हैं तो एनसीपी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार में सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. यह दिलचस्प होगा कि क्या वह मुख्यमंत्री पद पर दावा पेश करेगी. फिलहाल, उसके पास 53 विधायक हैं.
2. शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को हटाकर अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया है. ऐसे में अगर एकनाथ शिंदे सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले के खिलाफ रोक लगवाने में कामयाब होते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए लड़ाई होगी. विधानसभा अध्यक्ष का पद डेढ़ साल से खाली पड़ा है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.
3. अगर शिवसेना के 16 बागी विधायक अयोग्य घोषित कर दिए जाते हैं और एकनाथ शिंदे खेमे के अन्य 30 विधायक भाजपा के साथ जाते हैं तो उद्धव सरकार गिर जाएगी. बहुमत के लिए 145 सदस्यों का साथ होना जरूरी है. वर्तमान में भाजपा ने दावा किया है कि उसे 123 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. सरकार के खिलाफ मतदान के समय यह आंकड़ा बढ़ सकता है.