टीएमसी नेता और पूर्व लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने सांसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई को अपना जवाब भेज दिया है. सीबीआई महुआ मोइत्रा द्वारा एजेंसी को भेजे गए जवाबों की जांच कर रही है. इसके बाद सीबीआई लोकपाल को एक रिपोर्ट भेजेगी.
आपको बता दें कि लोकपाल ने ही इस मामले को जांच के लिए एजेंसी को भेजा था. एजेंसी मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों की प्रारंभिक जांच कर रही है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीबीआई ने इस मसले पर पूछताछ के सिलसिले में वकील जय देहाद्राई और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से भी बात की है.
भाजपा नेता और लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. निशिकांत दुबे ने टीएमसी नेता मोइत्रा पर हीरानंदानी के इशारे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए सदन में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. इसके अलावा उन्होंने मोइत्रा पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया था.
हालांकि, मोइत्रा ने सभी तरह के आरोपों और किसी भी तरह के गलत काम करने से इनकार किया है. टीएमसी नेता ने कहा है कि उन्हें केवल इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अडानी समूह से जुड़े सवाल उठाए थे.
बता दें कि दिसंबर 2023 में महुआ को संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें सरकारी बंगला तुरंत खाली करने को कहा गया था. इस संबंध में संपदा निदेशालय ने उन्हें आदेश जारी किया था.
महुआ मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट का यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने का दोषी पाया गया था. बाद में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा ने एक्शन लिया और पिछले साल 8 दिसंबर को महुआ की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. महुआ को 'अनैतिक आचरण' का दोषी ठहराया गया था.