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'एथिक्स कमेटी ने चीरहरण किया...', महुआ ने बयां किया पूरा घटनाक्रम, लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

मोइत्रा ने सोनकर पर एक स्क्रिप्ट पढ़ने और उनसे बहुत व्यक्तिगत सवाल पूछने का आरोप लगाया. जैसे कि उन्होंने रात में फोन पर किससे बात की थी. उन्होंने कहा कि कमेटी के अध्यक्ष जिस तरह से पूछताछ कर रहे थे, ऐसा लग रहा था कि उन्हें इससे आनंद मिल रहा हो.

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महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष को कमेटी की पूछताछ को लेकर पत्र लिखा
महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष को कमेटी की पूछताछ को लेकर पत्र लिखा

कैश फॉर क्वेरी केस में टीएमसी सांसद आज संसद की एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश हुईं. पूछताछ के दौरान सवालों से नाराज महुआ कमेटी की बैठक छोड़कर तमतमाती हुई बाहर निकल आईं. उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी की आज की कार्रवाई घृणित, अनैतिक और पूर्वाग्रहपूर्ण थी. महुआ ने कहा कि कमेटी ने सुनवाई के नाम पर चीरहरण किया.

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष की पूछताछ की तुलना वस्त्रहरण से की. साथ ही कहा कि कमेटी को खुद को आचार समिति के अलावा किसी दूसरे नाम से बुलाना चाहिए. क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है. महुआ ने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष सोनकर पर वस्त्रहरण और चीरहरण का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक ये कहावत सुनी थी, लेकिन आज इसका सामना भी करना पड़ा.

मोइत्रा ने सोनकर पर एक स्क्रिप्ट पढ़ने और उनसे बहुत व्यक्तिगत सवाल पूछने का आरोप लगाया. जैसे कि उन्होंने रात में फोन पर किससे बात की थी. उन्होंने कहा कि कमेटी के अध्यक्ष जिस तरह से पूछताछ कर रहे थे, ऐसा लग रहा था कि उन्हें इससे आनंद मिल रहा हो. उनका कहना है कि वह अपना बयान हलफनामे के तौर पर स्पीकर के सामने रखने को तैयार हैं, ताकि उन पर सवालों से बचने का आरोप न लगे.

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मोइत्रा जांच के दौरान "गंदे सवाल" पूछे जाने के बाद संसदीय पैनल की बैठक से बाहर चली गई थीं. उनके वॉकआउट के दौरान उनके साथ बसपा सांसद दानिश अली भी थे. जिन्होंने पैनल की जिरह में उनके रुख का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि रात को किस्से बात करती है, क्या बात करती है. ये सब पूछा गया.

सूत्रों के मुताबिक एथिक्स कमेटी के समक्ष उनके बयान का एक बड़ा हिस्सा देहाद्राई के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछा गया था, क्योंकि वह इस केस में आरोपों के लिए उन्हें ही दोषी ठहराती दिखाई दे रही हैं. देहाद्राई की दलील का हवाला देते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास शिकायत दर्ज की, जिन्होंने मामले को समिति को भेज दिया था.

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