लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने 'कैश फॉर क्वेरी' केस से जुड़ी जांच पूरी कर ली है. कमेटी ने गुरुवार को महुआ मोइत्रा से जुड़े इस केस की ड्राफ्ट रिपोर्ट को अडॉप्ट कर लिया. इस रिपोर्ट में महुआ को संसद से निष्कासित करने का प्रस्ताव है. अब गेंद लोकसभा के पाले में है.
एथिक्स कमेटी की ये रिपोर्ट अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी गई है. अब इस रिपोर्ट को संसद में पेश किया जाएगा. इसके बाद इसपर संसद में वोटिंग होगी.
इस बारे में बात करते हुए लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल पीटीडी आचार्य ने कहा ये शायद पहली बार है जब लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने किसी सांसद के निष्कासन का प्रस्ताव दिया हो. उन्होंने आगे बताया कि साल 2005 में 11 सांसदों को दूसरे Cash For Query केस में निष्कासित किया गया था. लेकिन तब इसकी सिफारिश राज्य सभा एथिक्स कमेटी और लोकसभा की जांच कमेटी ने की थी.
आचार्य ने कहा कि लोकसभा एथिक्स कमेटी अब रिपोर्ट स्पीकर ओम बिरला को सौंप चुकी है. स्पीकर चाहे तो इसे सार्वजनिक कर सकते हैं.
संसद के अगले सत्र में कमेटी के चेयरमैन इस रिपोर्ट को सदन में रखेंगे. फिर इसपर बहस होगी. इसके बाद महुआ को निष्कासित किया जाए या नहीं इसपर बहस होगी.
महुआ के पास क्या है विकल्प?
कानूनी ऑप्शन की बात करें तो महुआ मोइत्रा उनको सांसद पद से हटाने के फैसले को कानूनी चुनौती दे सकती हैं. लेकिन ये प्रक्रिया तब होगी जब एथिक्स कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट को लोकसभा में पेश होने के बाद उसपर अमल करते हुए महुआ को संसद से निष्कासित किया जाए.
एथिक्स कमेटी में विवाद
महुआ मामले में रिपोर्ट देने में एथिक्स कमेटी के बीच आपसी विवाद देखने को मिला. महुआ मोइत्रा की सांसदी छीनने वाले प्रस्ताव के पक्ष में 6 वोट पड़े वहीं विपक्ष में 4 वोट पड़े. कांग्रेस की सांसद परनीत कौर ने रिपोर्ट को अडॉप्ट करने के पक्ष में वोट किया जो चौंकाने वाला था. परनीत पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं जो अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के पक्ष में कौन-
1. कमेटी के चीफ विनोद सोनकर (बीजेपी)
2. सुमेधानंद सरस्वती (बीजेपी सांसद)
3. हेमंत गोडसे (शिवसेना)
4. परिणति कौर (कांग्रेस)
5. अपराजिता सारंगी (बीजेपी)
6. राजदीप रॉय (बीजेपी)
इसके अलावा चार सांसदों ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के विरोध में वोट किया. इसमें शामिल सदस्यों के नाम देखिए-
1. दानिश अली (बहुजन समाज पार्टी)
2. वी वैथिलिंगम (कांग्रेस, पुडुचेरी से सांसद)
3. पी आर नटराजन (CPIM)
4. गिरिधारी यादव (JDU)
रिपोर्ट के विरोध में वोट करने वाले वी वैथिलिंगम ने आरोप लगाया कि कमेटी ने सभी सदस्यों से चर्चा किए बिना रिपोर्ट तैयार कर ली. दूसरी तरफ कमेटी के चीफ विनोद सोनकर ने इन आरोपों को फर्जी बताया.
महुआ मोइत्रा पर क्या आरोप हैं?
महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे. इसमें कहा गया कि महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर लगातार हमला बोला और इसी मुद्दे से जुड़े सवाल उठाए. इसके बदले बिजनेसमैन से उनको गिफ्ट्स मिले थे.
महुआ पर ये भी आरोप थे कि उन्होंने अपनी संसदीय आईडी का लॉगइन पासवर्ड व्यापारी के साथ शेयर किया था, जिससे व्यापारी खुद महुआ की तरफ से उनकी आईडी का इस्तेमाल कर संसद में सवाल पूछ रहे थे.
मामला सामने आने के बाद इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर से हुई और जांच एथिक्स कमेटी को सौंपी गई. इस बीच बुधवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि अब इस मामले की जांच लोकपाल ने सीबीआई को सौंप दी है. हालांकि, लोकपाल की तरफ से इस पर कुछ नहीं कहा गया है.
दुबे ने 21 अक्टूबर को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के पास महुआ की शिकायत की थी. उनपर संसद में सवाल पूछने के बदले घूस लेने का आरोप लगाया गया है. दुबे का कहना है कि महुआ ने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया.