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'महुआ मोइत्रा से बंगला खाली करने को कहें', लोकसभा पैनल ने आवास मंत्रालय को लिखी चिट्ठी

कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता चली गई है. अब लोकसभा पैनल ने आवास और शहरी मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर महुआ मोइत्रा से बंगला खाली करने के लिए कहा है.

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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (फाइल फोटो)
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (फाइल फोटो)

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद अब उनका सरकारी बंगला भी खाली कराया जाएगा. इसको लेकर संसद की आवास समिति ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर टीएमसी नेता को बंगला खाली करने का निर्देश देने के लिए कहा है. 

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महुआ मोइत्रा को संसद में सवाल पूछने के लिए एक कारोबारी से गिफ्ट लेने का दोषी ठहराया गया था. इस मामले में सदन ने आचार कमेटी की रिपोर्ट पर फैसला लेते हुए 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप 

बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत का पत्र दिखाया था. इसमें दावा किया था कि घूस का लेनदेन महुआ और हीरानंदानी के बीच हुआ था. आरोप लगने के बाद महुआ ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और जय अनंत को कानूनी नोटिस भेजा था.  

निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था. 

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सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं महुआ मोइत्रा

इस बीच सोमवार को महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा से निष्कासित किए जाने का फैसला अवैध था. वहीं महुआ ने कहा कि विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने के लिए सरकार द्वारा संसदीय पैनल को हथियार बनाया जा रहा है. 

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