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'ऐसे माहौल में और ज्यादा जीना नहीं चाहता....', संसद में क्यों बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक दिन पहले घनश्याम तिवाड़ी की ओर से दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे एक्सपंज करने की मांग की. इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने कहा- ऐसे माहौल में और ज्यादा नहीं जीना चाहता.

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Mallikarjun Kharge
Mallikarjun Kharge

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में एक दिन पहले घनश्याम तिवाड़ी की ओर से लगाए गए परिवारवाद के आरोप का मुद्दा उठाया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले यहां नहीं था. उस वक्त एक माननीय सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने एक समस्या उठाई. उन्होंने कहा कि उनके मन में क्या था, मुझे मालूम नहीं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पॉलिटिक्स में ये पहला जेनरेशन है मेरा. मेरे मां-बाप राजनीति में नहीं थे.

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खड़गे ने राजनीति में शुरुआती दिनों की भी चर्चा की और कहा कि  मेरे पिताजी ने मुझे पाला-पोसा और यहां तक पहुंचने का जो हुआ है, उनके आशीर्वाद से ही हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि अब तो उमर 95 साल, सॉरी 85 गुजर गया. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये गलती से नहीं निकला है. प्रार्थना करूंगा कि आपकी उम्र 95 साल से भी और ज्यादा हो. सभापति की इस बात पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नहीं, ऐसे माहौल में और नहीं जीना चाहता.

उन्होंने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी ने कहा- खड़गे जी का नाम मल्लिकार्जुन है. मल्लिकार्जुन 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. राजनीति उनके लिए खानदानी ये है. खड़गे ने कहा कि इनको क्या दिक्कत है कि मेरे बारे में परिवारवाद को लेकर टीका किया. उन्होंने कहा कि मैं जब सबके निकालूंगा. मेरे बाजू में है, मेरे दाएं हैं, बाएं हैं. खड़गे ने घनश्याम तिवाड़ी के इस बयान को कार्यवाही से निकाले जाने की मांग की. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अगर कोई बात खड़गे जी को आहत करेगी तो वो कार्यवाही में नहीं रहेगी.

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सभापति ने कहा कि खड़गेजी का जीवन छह दशक से सार्वजनिक जीवन में हैं. जिस समय ये बयान दिया गया, उस समय मैं कुर्सी पर था. घनश्याम तिवाड़ी का भी सार्वजनिक जीवन लंबा है, चार दशक से संसदीय जीवन में हैं. उन्होंने कहा कि उनका (घनश्याम तिवाड़ी का) मानस ऐसा होगा, नहीं मानता. फिर भी मैं देखूंगा. उस समय ऐसा नहीं लगा कि आपके बारे में कुछ ऐसा कहा गया है. राज्यसभा के सभापति ने कहा कि खड़गे जी, आपके सदस्य कुर्सी पर बैठे-बैठे टिप्पणी करते हैं, कितनी गंभीर बात है.

उन्होंने कहा कि हम कोई विरोधी नहीं हैं. सदन में पक्ष और प्रतिपक्ष है. सभापति ने कहा कि गंभीरता से देखूंगा. उन्होंने ये भी कहा कि इतना ज्यादा इसलिए कह रहा हूं कि मुझे घनश्याम तिवाड़ी के साथ विधानसभा का सदस्य रहने का सौभाग्य मिला है. मैं इसको बारीकी से देखूंगा. राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान इसके बाद एक मौका ऐसा भी आया जब विपक्ष के नेता ने सभापति से कहा कि वे आपका दुरुपयोग कर रहे हैं.

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हुआ ये कि प्रश्नकाल के दौरान नीट और एनटीए को लेकर विपक्षी शिवसेना यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक सवाल पूछा जिसका जवाब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दे रहे थे. सप्लीमेंट्री क्वेश्चन पांच पर विपक्षी समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन को सवाल पूछना था. रामजी लाल सुमन ने कहा कि एनटीए के जो चीफ थे, वे कई राज्यों में रहे हैं. उन्होंने इसी दौरान संघ का भी जिक्र कर दिया जिस पर आपत्ति जताते हुए सभापति धनखड़ ने टोका.

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विपक्ष के नेता खड़गे ने इस पर कहा कि जब कोई सदस्य नियमों के दायरे में अपनी बात कह रहा हो तो आप उसमें व्यवधान नहीं उत्पन्न कर सकते. वे (सत्तापक्ष) आपका दुरुपयोग कर रहे हैं. इस पर सभापति ने कहा कि देश के विकास में हर एक नागरिक योगदान दे सकता है, यह संवैधानिक अधिकार है. सभापति ने संघ को वैश्विक थिंक टैंक बताया और कहा कि संघ को राष्ट्रीय विकास में योगदान देने का अधिकार है. ये बयान संविधान का उल्लंघन है.

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