बजट सत्र के तीसरे दिन संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा कर दिया. विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा, संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन से बाहर आए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला बोला.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने मिलकर आर्थिक नीति में घोटालों के खिलाफ सदन में आवाज उठाने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर हमने बिजनेस ऑवर सस्पेंड करने का नोटिस दिया और सदन में चर्चा के लिए अनुमति मांगी. खड़गे ने कहा कि हमारी मांग यही थी कि बिजनेस ऑवर को सस्पेंड कर चर्चा की जाए.
उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे नोटिस हमेशा रिजेक्ट किए जाते हैं. महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमें चर्चा का मौका नहीं दिया जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इसीलिए हम सभी ने मिलकर यह तय किया कि सदन के भीतर एक सुर में आवाज उठाएंगे और आज एलआईसी में जिन करोड़ों लोगों का रुपया लगा है, उसको लेकर बात करेंगे.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एलआईसी में करोड़ों लोगों ने निवेश किया हुआ है. बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ लोग जीवन बीमा करा लेते हैं. उन्होंने कहा कि आज लोगों से संबंधित संस्था का पैसा बर्बाद हो रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि स्टेट बैंक जैसे कई राष्ट्रीय बैंकों में भी लोग अपनी गाढ़ी कमाई रखते हैं. इनका पैसा भी कंपनियों को दिया जा रहा है, उस कंपनी को जिसे लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है.
उन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) गठित कर जांच कराने की मांग की. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इसकी जांच जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में एक कमेटी बनाकर कराई जानी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि जांच की डे टू डे रिपोर्ट तैयार कर उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाए.
लोगों के पैसे के लिए लड़ने को खड़े हुए
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि पूरे देश में जिनके पैसे बैंकों में जमा हैं या फिर एलआईसी में लगे हैं, वे इस समय दहशत में हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों का जो पैसा जा रहा है, हम उसके लिए लड़ने को खड़े हुए हैं.