पश्चिम बंगाल में 'खेला' करने के बाद अब ममता बनर्जी गोवा का रुख करने जा रही हैं. कुछ ही महीनों में वहां विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में टीएमसी इस प्रदेश में भी बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के सपने देख रही है. उसी सपने को पूरा करने के लिए ममता बनर्जी ने अपना तीन दिवसीय गोवा दौरा शुरू कर दिया है.
गोवा में ममता, क्या होगा खेला?
ममता के लिए गोवा राजनीतिक मायने से काफी अहमियत रखता है. बंगाल में वे मजबूत हैं और अब गोवा में मजबूत होने की कोशिश कर रही हैं. सीएम ममता का पूरा प्रयास है कि बंगाल के बाहर भी उनकी पार्टी टीएमसी का एक अस्तित्व, मजबूत वोट बैंक हो. इसी वजह से गोवा में ममता कई बैठकें करने जा रही हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि उनके इस दौरे के दौरान कई नेता टीएमसी का दामन थामने जा रहे हैं. अभी तक लिस्ट तो सामने नहीं आई है, लेकिन हर पार्टी में सेंधमारी की तैयारी बताई जा रही है.
वैसे भी जब से पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता लुइजिन्हो फलेरियो टीएमसी में शामिल हुए हैं, पार्टी का हौसला अलग ही ऊंचाइयों पर दिख रहा है. पार्टी खुद को इस समय कांग्रेस पार्टी का एक विकल्प बता रही है. पूरी कोशिश है कि आगामी गोवा चुनाव में कांग्रेस की जगह ली जाए और फिर सीधे बीजेपी से टक्कर रहे. पिछले कई महीनों से गोवा में डेरा डाले कई टीएमसी नेता इसी समीकरण को साधने का प्रयास कर रहे हैं. ममता भी राज्य की जनता को नए गोवा का सपना दिखा रही हैं.
गठबंधन करना चाहती हैं ममता?
अब जब सीएम ममता खुद गोवा पहुंच चुकी हैं, वे कई कार्यक्रमों के जरिए जनता को लुभाने का पूरा प्रयास करेंगी. अपने इस दौरे के जरिए वे गठबंधन वाली राजनीति को भी हवा दिखा सकती हैं. वे लगातार कह रही हैं कि बीजेपी को हराने के लिए तमाम पार्टियों का एकजुट होना जरूरी है. ऐसे में गोवा में भी वे किसी मजबूत साथी की खोज कर रही हैं, वे भी किसी से हाथ मिला बीजेपी को टक्कर देना चाहती हैं.
त्रिपुरा पर भी जमाया फोकस
गोवा के अलावा ममता बनर्जी त्रिपुरा पर भी अपना फोकस जमा रही हैं. त्रिपुरा में बंगाली भाषा बोलने वाली आबादी काफी ज्यादा है, ऐसे में ममता को पूरी उम्मीद है कि इस राज्य में भी उनकी पार्टी शानदार प्रदर्शन कर सकती है. अभिषेक बनर्जी तो पहले ही कह चुके हैं कि वे त्रिपुरा से बीजेपी की सरकार को उखाड़ फेकेंगे.