पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के उत्तरी जिलों में बाढ़ की स्थिति को खतरनाक बताया और दावा किया कि सूबे को प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्रीय सहायता नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार युद्ध स्तर पर बाढ़ से निपट रही है.
ममता ने कहा कि उत्तर बंगाल बाढ़ की चपेट में है. कूच बिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जैसे जिले बुरी तरह से प्रभावित हैं. कोसी नदी के कैचमेंट एरिया में भारी बारिश के कारण बिहार के कई इलाके और पश्चिम बंगाल के मालदा और दक्षिण दिनाजपुर जिले निकट भविष्य में प्रभावित होंगे.
सीएम ममता ने कहा कि मैंने उत्तर बंगाल और मुर्शिदाबाद में बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने के लिए एक प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता की. गजोलडोबा और भुटनी में 6 अनमोल जानें गंवाने वालों के प्रति मेरी संवेदना है. हमने बिजली से मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख और 3 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की है. नाव पलटने से प्रभावित परिवारों को 2 लाख की सहायता प्रदान की है. ममता ने कहा कि नेपाल द्वारा कोसी नदी में 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण हम हाईअलर्ट पर हैं. मैंने अपने अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने और संकट में फंसे लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया हैं.
केंद्र सरकार पर आपदाओं से लड़ने में राज्य की मदद नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे बार-बार याद दिलाने के बाद भी फरक्का बैराज का रखरखाव कार्य नहीं किया और इसकी वाटर रेंटेंशन कैपेसिटी काफी हद तक कम हो गई है. ममता ने सिलीगुड़ी में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और स्थिति का जायजा लिया.
बैठक के बाद जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह फिर से केंद्र से संपर्क करेंगी, तो बनर्जी ने कहा कि अगर मैं पीएम को पत्र लिखूंगी, तो उनका कोई मंत्री जवाब देगा. यह सही नहीं है, (शायद) मैं फिर से पत्र भेजूंगी. राज्य में बाढ़ आने के बाद बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिखा था.