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नेताजी बोस की जयंती पर क्यों नहीं किया छुट्टी का ऐलान? ममता ने प्रतिष्ठा समारोह को बताया राजनीतिक, केंद्र पर उठाए सवाल

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश में पूरे दिन के लिए छुट्टी थी. बाकी बीजेपी शासित राज्यों में हाफ-डे का ऐलान किया गया था. हालांकि, 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है लेकिन छुट्टी नहीं थी, जिसपर ममता बनर्जी ने सवाल उठाए हैं और प्राण प्रतिष्ठा समारोह को "राजनीतिक कार्यक्रम" बताया है.

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ममता बनर्जी
ममता बनर्जी

देश मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्रबोस की 127वीं जयंती मना रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछा कि इस खास दिन पर छुट्टी का ऐलान क्यों नहीं किया गया? राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सीएम ने 'राजनीतिक कार्यक्रम' करार दिया और कहा कि 'पॉलिटिकल पब्लिसिटी' के लिए छुट्टी दी गई लेकिन नेताजी की जयंती पर क्यों नहीं?

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ममता बनर्जी ने कहा, "मुझे दुख है कि राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए छुट्टी दी गई लेकिन उस शख्स के लिए नहीं जिसने इस देश के लिए अपनी जान गंवाई." ममता बनर्जी कोलकाता में नेताजी की याद में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं, जब यह बातें कही. सीएम ने कहा कि उन्होंने "नेताजी की जयंती के दिन राष्ट्रीय छुट्टी के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी लेकिन मुझे माफ करना केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया."

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22 जनवरी को यूपी में फुल और बाकी राज्यों में हाफ छुट्टी

अयोध्या में 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए उत्तर प्रदेश में पूरे दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया था. वहीं बाकी बीजेपी शासित राज्यों में हाफ-डे (2.30 बजे तक) का ऐलान किया गया था. छुट्टी सरकारी दफ्तरों और शिक्षण संस्थानों में दी गई थी. इतना ही नहीं दिल्ली के एम्स में भी हाफ-डे का ऐलान किया गया था लेकिन इसेंशियल सर्विसेज चालू थी. न्यायिक संस्थानों में भी काम-धंधा बंद था.

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प्राण प्रतिष्ठा के दिन ममता बनर्जी की रैली

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के कथित विरोध मे ममता बनर्जी ने राज्य में "सद्भाव रैली" की अगुवाई की. उन्होंने चार किलोमीटर लंबी पदयात्रा की जिसमें तमाम धर्मों के लोग जुटे. रैली के दौरान ममता बनर्जी ने मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च तक का दौरा किया. रैली में भी सभी धर्मों के लोग उनके साथ नजर आए. ममता बनर्जी ने बाद में रैली को संबोधित भी किया और बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र पर जमकर निशाना साधा.

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ममता बनर्जी ने बीजेपी को बताया महिला विरोधी

ममता बनर्जी ने बीजेपी को महिला विरोधी बताया और पूछा कि आप सिर्फ राम का नाम लेते हो लेकिन सीता का नाम क्यों नहीं लेते. ममता ने बताया कि राम ने रावण का वध करने के लिए दुर्गा की पूजा की थी. राम ने भी जन्म लिया था और कौशल्या भी महिला थीं.  सीता ने राम के साथ 14 साल के लिए राम के साथ वनवास गईं. ममता बनर्जी ने साथ ही कहा कि वह राम के खिलाफ नहीं हैं बल्कि राम और सीता दोनों का सम्मान करती हैं.

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