बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के दौरे पर आई हुई हैं. पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राहुल गांधी जैसे नेताओं से मुलाकात करने के बाद वे अजमेर जा रही हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बात का दुख है कि शेख हसीना उनसे नहीं मिल पाईं. अब दावा ये किया जा रहा है कि ममता बनर्जी मिलना तो चाहती थीं, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया गया.
शेख हसीना से ममता को मिलने नहीं दिया गया?
ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत आईं और बंगाल नहीं आ पाईं. वे मुझसे मिलना चाहती थीं, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. मुझे समझ नहीं आता कि आखिर क्यों बीजेपी इतना गुस्से में रहती है. ये लोग मुझे कई इवेंट में भी जाने नहीं देते हैं. चीन में हुआ था, शिकागो में हुआ, लेकिन कही जाने की मंजूरी नहीं मिली. अब ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे पर ममता बनर्जी बीजेपी और केंद्र पर हमलावर हुई हों. हर बार सिर्फ मुद्दे अलग रहते हैं, लेकिन ये तल्खी देखने को मिल जाती है.
नेताजी की मूर्ति पर क्या राजनीति?
वैसे दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 फुट ऊंची नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी को भी उस कार्यक्रम में आने का न्योता दिया गया है. लेकिन इस अनावरण से भी बंगाल की मुख्यमंत्री बिफर गई हैं. उनका कहना है कि मुझे बुरा लग रहा है कि ये लोग दिल्ली में नेताजी की मूर्ति का अनावरण कर रहे हैं. उस मूर्ति का क्या जो पहले से मौजूद है? मुझे प्रधानमंत्री के सेक्रेटरी से मैसेज मिला है कि पीएम मूर्ति का अनावरण करने वाले हैं और मुझे वहां मौजूद रहना है. मैं क्या उनकी बंधुआ मजदूर हूं?
अब नेताजी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. एक तरफ ममता बनर्जी ने मूर्ति के दिल्ली अनावरण पर सवाल उठा दिए हैं तो बीजेपी का कहना है कि बंगाल की सीएम ने उन्हें कभी वो सम्मान नहीं दिया. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी को बुरा लग रहा है कि नेताजी की मूर्ति दिल्ली में लगाई जा रही है. उनकी तरफ से नेताजी के सम्मान में कुछ नहीं किया गया, अब जब पीएम मोदी ने वो जिम्मेदारी ली है तो वे इस प्रकार की बयानराजी कर रही हैं.
नेताजी के परिवार ने क्या कहा?
जानकारी के लिए बता दें कि मूर्ति अनावरण वाले कार्यक्रम में नेताजी के परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं रहने वाला है. जर्मनी से उनकी बेटी अनीता बोस फाफ यहां नहीं आने वाली हैं. उनके मुताबिक इतने शॉट नोटिस पर जर्मनी से भारत आना मुश्किल है. वहीं परिवार ये भी सवाल उठ रहा है कि किसी भी दिन नेताजी की मूर्ति का अनावरण नहीं किया जा सकता.