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'राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करना PM मोदी को भारी पड़ेगा', ऐसा क्यों बोले मणिशंकर अय्यर

केरल लिटरेचर फेस्टिवल को संबोधित करते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा कि यह दिखाने की होड़ मची है कि असली हिंदू कौन है, वह जिसे हिंदूवाद और हिंदुत्व के बीच का फर्क पता है. पीएम मोदी अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को निजी तौर पर करा रहे हैं. इसमें चारों शंकराचार्य ने आने से इनकार कर दिया है, उनकी अनुपस्थिति पीएम मोदी को बहुत भारी पड़ेगी.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा खुद करने से पीएम मोदी को ही भारी पड़ेगा.

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उन्होंने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार करने वाले चार शंकराचार्यों की गैरमौजूदगी का खामियाजा प्रधानमंत्री को उठाना पड़ेगा. 

केरल लिटरेचर फेस्टिवल को संबोधित करते हुए अय्यर ने कहा कि यह दिखाने की होड़ मची है कि असली हिंदू कौन है, वह जिसे हिंदूवाद और हिंदुत्व के बीच का फर्क पता है. पीएम मोदी अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को निजी तौर पर करा रहे हैं. इसमें चारों शंकराचार्य ने आने से इनकार कर दिया है, उनकी अनुपस्थिति पीएम मोदी को बहुत भारी पड़ेगी.

हिंदुवाद और हिंदुत्व के बीच के अंतर को समझाते हुए अय्यर ने कहा कि अधिकतर हिंदुओं लगभग पचास फीसदी ने ने कभी हिंदुत्व के लिए वोट नहीं किया. ये हमारा चुनाव कराने का तरीका है, जिसकी वजह से पिछले दस साल में हिंदुत्ववादी सरकार सत्ता में आई है.

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बता दें कि अय्यर का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले ही उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के प्रमुख अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने घोषणा की थी कि चारों शंकराचार्यों में से कोई भी राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने से पहले ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करना शास्त्रों का साफ उल्लंघन है.

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