त्रिपुरा में माणिक साहा को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है. माणिक साहा दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्हें सोमवार को सर्वसम्मति से विधायकों का नेता चुना गया. वह 8 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेंगे. भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटों पर जीत हासिल की थी जिसके लिए 16 फरवरी को चुनाव हुए थे.
यहां 81.1 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. राज्य की 60 विधानसभा सीटों पर कुल 259 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी. इस चुनावों में बीजेपी और आईपीएफटी ने मिलकर चुनाव लड़ा. बीजेपी की ओर 55 सीटों पर उम्मीदवार मैदान उतरे तो उसकी सहयोगी पार्टी आईपीएफटी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा.
इनके अलावा कांग्रेस-लेफ्ट में सीटों पर समझौते के तहत वाम मोर्चा 43 सीटों और तो कांग्रेस ने 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. इसके अलावा कांग्रेस और लेफ्ट ने एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिया. वहीं प्रद्योत बिक्रम की नई पार्टी टिपरा मोथा ने राज्य की 60 सीटों में से 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे राज्य में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी 28 सीटों पर चुनाव लड़ा.
इन मुद्दों पर लड़ा गया चुनाव
चुनाव में प्रचार के दौरान, भाजपा ने पिछले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर राज्य में हुए विकास पर प्रकाश डाला, जबकि वाम मोर्चा और कांग्रेस ने भाजपा-आईपीएफटी सरकार के 'कुशासन' पर जोर दिया. इनके अलावा टिपरा मोथा का चुनावी मुद्दा ग्रेटर टिपरलैंड राज्य की मांग है.
चुनाव के बाद त्रिपुरा में कई जगह आगजनी की घटनाएं हुई तो वहीं मेघालय के एक इलाके में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया. कई अन्य स्थानों पर विभिन्न समूहों के कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें आईं. Axis My India और आजतक के एग्जिट पोल में भी बीजेपी गठबंधन को जीत मिल रही थी. एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 36 से 45 सीटें मिलता हुआ दिखाया गया था.