मणिपुर में हालिया जातीय हिंसा के बीच पुलिस ने पुलिस स्टेशन और विधायकों के आवासों पर हमले करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इन हमलों का उद्देश्य गिरफ्तार किए गए आरोपियों की रिहाई की मांग करना था. पुलिस के अनुसार, इन हमलों में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जबकि राज्य में जातीय संघर्ष और हिंसा की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है.
पुलिस ने दी जानकारी
मणिपुर में हालिया हिंसा के बीच पुलिस ने पुलिस स्टेशन और विधायकों के आवासों पर हमलों के संबंध में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के बयान के अनुसार, 20 वर्षीय चोंगथम थोइचा, को 16 नवंबर को निर्वाचित प्रतिनिधियों की संपत्तियों में आगजनी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया. चोंगथम थोइचा इम्फाल पश्चिम जिले के कियाम ममंग लेकाई का निवासी है.
साथियों की रिहाई के लिए किया गया हमला
इसके अलावा, 27 नवंबर को ककचिंग पुलिस स्टेशन और उसके कर्मियों पर हमले के मामले में सात अन्य गिरफ्तार किए गए. पुलिस ने बताया कि यह हमला उन चार लोगों की रिहाई की मांग को लेकर किया गया था, जिन्हें 16 नवंबर को विधायकों की संपत्तियों को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
हाल ही में मारे गए थे 10 कुकी विद्रोही
इम्फाल घाटी में विधायकों के आवासों पर हमले के पीछे एक बड़ी घटना थी. 6 महिलाओं और बच्चों के शव नदी में पाए गए थे, जिन्हें कथित तौर पर कुकी विद्रोहियों ने 11 नवंबर को जिरीबाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई गोलीबारी के बाद अगवा कर लिया था. इस गोलीबारी में 10 कुकी विद्रोही भी मारे गए थे.
2023 से जारी है हिंसा
मणिपुर में जातीय हिंसा का सिलसिला मई 2023 से जारी है, जब से मेइती समुदाय और कुकी-जो समुदायों के बीच संघर्ष शुरू हुआ. इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। राज्य में जारी संघर्ष के कारण स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है. पुलिस अब इन गिरफ्तारियों के बाद मामले की जांच में जुटी है और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है.