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'मणिपुर जल गया, यूरोपीय संसद में भी चर्चा, PM मोदी एक शब्द नहीं बोले,' राहुल गांधी का बयान

यूरोपीय संसद में मणिपुर की स्थिति पर प्रस्ताव लाए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने कहा कि मणिपुर जलता है. EU संसद में भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा होती है, लेकिन पीएम ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा. इस बीच, उन्हें (मोदी) राफेल ने बैस्टिल डे परेड (फ्रांस) का टिकट दिला दिया.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. राहुल ने कहा कि मणिपुर के हालात पर यूरोपीय संसद में चर्चा हुई और विरोध में प्रस्ताव लाया गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक एक शब्द भी नहीं बोला है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरकार को घेरा है.

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राहुल गांधी ने ट्वीट किया और कहा, 'मणिपुर जल गया. EU संसद ने भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा की. पीएम ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा. इस बीच, राफेल ने उन्हें बैस्टिल डे परेड का टिकट दिला दिया.' बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के फ्रांस दौरे पर गए थे. शुक्रवार को वे फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस (बैस्टिल डे परेड) में बतौर अतिथि शामिल हुए. पीएम को फ्रांस सरकार की तरफ से आमंत्रित किया गया था.

मणिपुर को लेकर यूरोप की संसद में लाया प्रस्ताव

दरअसल, यूरोपीय संघ की संसद ने गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया. इसमें मणिपुर हिंसा को लेकर भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर बात की और आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति असहिष्णुता के कारण मौजूदा स्थिति बनी हुई है. प्रस्ताव में मणिपुर में इंटरनेट सेवा बंद होने का भी जिक्र किया गया.

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जयराम रमेश ने भी उठाया सवाल

वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, जनवरी 1977 में येल विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रिचर्ड नेल्सन ने द मून एंड द गेटो नामक एक बेहद चर्चित लेख प्रकाशित किया था. ग्रेजुएट स्कूल में मेरे जैसे लोगों के लिए इसे पढ़ना जरूरी हो गया. नेल्सन ने सवाल उठाया- ऐसा क्यों लगता है कि तकनीकी रूप से गतिशील अमेरिका इंसान को चंद्रमा पर उतारने में सक्षम है, लेकिन अपने घरेलू विशेषकर आंतरिक शहरों में समस्याओं का समाधान करने में असमर्थ है. 

'बुनियादी समस्याओं से निपटना नहीं चाहती सरकार'

कांग्रेस नेता ने कहा, यह जरूरी और सोचने वाली बात है, जो हमारे लिए भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा, हम चंद्रमा पर जा सकते हैं, लेकिन हमारे लोगों को घर पर जिन बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उनसे निपटने में असमर्थ या इच्छुक ही नहीं हैं. नेल्सन लेख का भारतीय एडिशन द मून एंड मणिपुर हो सकता है.

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'इस तरह का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा'

बता दें कि गुरुवार को भारत ने मणिपुर हिंसा पर यूरोपीय संसद में लाए गए प्रस्ताव पर विरोध जताया और इसे गैर जरूरी दखल देना बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा. भारत ने कहा कि यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है. भारत का कहना है कि न्यायपालिका समेत सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर के हालात से अवगत हैं. वहां शांति-सद्भाव और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

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'मणिपुर में दो महीने से हिंसा'

बताते चलें कि मणिपुर में करीब दो महीने से हिंसा देखने को मिल रही है. वहां आदिवासी के दो समुदाय कुकी और मैतेई के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं. अलग-अलग घटनाओं 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. हिंसा में बड़े स्तर पर बवाल, तोड़फोड़ और आगजनी हुई, जिसमें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. विपक्षी दलों ने सरकार पर हिंसा रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मणिपुर का दौरा किया था. उन्होंने रिलीफ कैंप में लोगों से मुलाकात की थी. राज्यपाल से मिलकर घटनाओं और पीड़ितों के बारे में बात की थी.

 

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