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अमित शाह ने दोनों पक्षों से की बात, CBI करेगी दरिंदगी मामले की जांच... मणिपुर में शांति बहाली की कोशिशें तेज

Manipur Crisis: मणिपुर में शांति बहाली की कोशिशें तेज हो गई हैं. गृह मंत्रालय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट भी दाखिल कर दिया गया है. इसी के साथ गृह मंत्री अमित शाह दोनों पक्षों के शीर्ष नेताओं के संपर्क में भी हैं. दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों का डेलिगेशन इसी महीने मणिपुर जाने की तैयारी में है.

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मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है

मणिपुर हिंसा पर हो रही राजनीति के बीच केंद्र सरकार ने शांति बहाली की कोशिश तेज कर दी है. अमित शाह दोनों पक्षों (मैतेई-कुकी) के प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं. पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से मणिपुर के हर घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं.

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इसकी के साथ महिलाओं के साथ दरिंदगी के वीडियो वाले मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. वहीं दूसरी तरफ यह तय हो गया है कि विपक्षी पार्टियों का गठबंधन इसी महीने मणिपुर जाएगा. शुक्रवार को I.N.D.I.A. गठबंधन की तरफ से इसपर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आगे की तस्वीर साफ की जाएगी.

बता दें कि मणिपुर में महिलाओं को नग्न करके घुमाने वाले वीडियो का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इसपर केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया था. अब गुरुवार को गृह मंत्रालय ने जवाब दाखिल कर दिया. ये वीडियो पिछले हफ्ते सामने आया था.

केंद्र सरकार के जवाब की बड़ी बातें

- केंद्र सरकार ने बताया कि मणिपुर सरकार ने CBI जांच की सिफारिश पहले ही की थी, अब 27 जुलाई को मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है.
- जिस फोन में महिलाओं से दरिंदगी वाला वीडियो मिला था, उसको सीबीआई ने जब्त कर लिया है.
- ऐसी किसी और घटना की जानकारी देने वाले, भाग रहे दोषियों की जानकारी देने वाले लोगों को पुरस्कार दिया जाएगा.
- मणिपुर सूबे में कुल 35 हजार जवानों की तैनाती की गई है. इसमें CAPF, सेना और असम राइफल्स के जवान शामिल हैं.
- सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की गई है कि वायरल वीडियो वाले मामले का ट्रायल मणिपुर से बाहर करवाया जाए. इसी के साथ ट्रायल भी फास्ट ट्रैक में चलाने की गुजारिश हुई है, जिससे कार्रवाई चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर हो सके.
- सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि वायरल वीडियो के मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी अबतक हो चुकी है. ये सभी उस घटना में मुख्य रूप से शामिल थे. इसके अलावा वहां कर्फ्यू का नियम तोड़ने पर 13,782 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

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एक तरफ गृह मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट को उठाए गए अपने कदमों की जानकारी दे रहा था, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों का गठबंधन I.N.D.I.A. मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र को घेरने की रणनीति बना रहा है. विपक्षी गठबंधन तय कर चुका है कि मणिपुर में उनका डेलिगेशन जाएगा. शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्षी गठबंधन आगे की रणनीति बनाएगा.

कुकी-मैतेई समुदाय के संपर्क में है गृह मंत्रालय

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देने के साथ-साथ गृह मंत्रालय ने राज्य में शांति बहाली की कोशिश भी तेज कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह मैतेई और कुकी समुदाय दोनों के शीर्ष प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं. ये कोशिश की जा रही है कि दोनों समुदायों को बातचीत की मेज पर लाया जाए. हालांकि दोनों समुदायों के बीच सुलह पर राय बंटी हुई है, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही बातचीत में कोई सफलता मिलेगी.

बता दें कि सूबे में जातीय संघर्ष के बीच गृहमंत्री ने मणिपुर में 3 दिन बिताए थे. जबकि गृह राज्य मंत्री नित्यानद राय 22 दिनों के लिए मणिपुर में थे. इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से मणिपुर में हर घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और स्थिति पर लगातार अपडेट ले रहे हैं. प्रधानमंत्री को मणिपुर की स्थिति के बारे में एक दिन में तीन बार जानकारी दी जा रही है.

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कौन-कौन से विपक्षी नेता मणिपुर जाएंगे?

विपक्षी गठबंधन के 18 नेता मणिपुर जाएंगे. ये लोग 29-30 जुलाई को हिंसा झेल रहे राज्य जा सकते हैं. इसमें कौन-कौन शामिल हो सकता है उनके नाम सामने आए हैं.

कांग्रेस की तरफ से सांसद गौरव गोगोई, TMC से सुष्मिता देव, सपा से सांसद राम गोपाल यादव और जावेद अली वहां जा सकते हैं. वहीं आम आदमी पार्टी से संजय सिंह और संदीप पाठक, NCP से सांसद फैसल मोहम्मद, DMK से कनिमोझी का नाम सामने आ रहा है.

विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे लोग जमीनी हकीकत जानने के लिए वहां जाएंगे. गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि सरकार उनको वहां जाने से नहीं रोकेगी.

मणिपुर पर संसद में गतिरोध

मणिपुर में हुई हिंसा पर संसद में गतिरोध जारी है, विपक्ष इस मांग पर अड़ा है कि पीएम मोदी सदन के पटल पर मणिपुर हिंसा को लेकर बयान दें. विपक्ष इसी मांग को लेकर संसद में अलग अलग तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहा है, गुरुवार को विपक्षी सासंद सदन में काले कपड़े पहनकर आए, काले कपड़े पहनकर आना, विरोध जताने का एक तरीका था.

बता दें कि मणिपुर में मई के पहले हफ्ते से हिंसा जारी है. इसमें अबतक 150 लोगों की मौत हो चुकी है. ये हिंसा कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हो रहा है. दरअसल, हाईकोर्ट ने मैतेई को आदिवासियों का दर्जा देने की बात की थी, जिसपर संग्राम शुरू हुआ. इसपर फिलहाल रोक लग गई है.

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