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मणिपुर: CRPF के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 कुकी युवाओं समेत 12 लोगों का हुआ अंतिम संस्कार

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में, 10 कुकी-जो युवाओं और एक महिला समेत अन्य 3 लोगों की मौत के बाद 'पीस ग्राउंड, हियांगटम' में उनका अंतिम संस्कार किया गया. घटना के मद्देनजर, चुराचांदपुर जिले में संपूर्ण बंद घोषित किया गया. इस दौरान स्थानीय संगठनों ने न्याय की मांग की और हिंसा को समाप्त करने की अपील की.

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सीआरपीएफ (फोटो- PTI)
सीआरपीएफ (फोटो- PTI)

मणिपुर के चुराचंदपुर जिले में सीआरपीएफ के टोटल शटडाउन के बीच कुकी समुदाय के 12 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है. इनमें 10 कुकी-युवा भी शामिल थे, जिनकी मौत 11 नवंबर को जिरिबाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हुई थी. इनके अलावा एक 31 वर्षीय महिला का भी अंतिम संस्कार किया गया है, जिनका शव सीआरपीएफ ने जैरांव गांव से बरामद किया था, जब इस इलाके में जवाबी कार्रवाई की गई. हियांगटम के पीस ग्राउंड में हुई इस रस्म में भारी संख्या में लोग शामिल हुए.

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घटना तब शुरू हुई जब कुकी-जो युवाओं ने मणिपुर के बॉर्डर जिले जिरीबाम में जकुराधोर गांव में स्थापित एक CRPF पोस्ट पर हमला किया. CRPF ने 11 नवंबर के इस हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की थी, जिसके दौरान ये कुकी युवा मारे गए थे.

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अंतिम संस्कार की रस्म के दौरान, कुकी संगठन इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने चुराचांदपुर जिले में पूर्ण बंद की अपील की थी. बंद के दौरान स्कूल, कॉलेज, दुकानें, और अन्य व्यवसायिक संस्थाएं बंद रहीं.

मिजोरम सीएम के सलाहकार भी अंतिम संस्कार में शामिल

गौरतलब है कि, मिजोरम के मुख्यमंत्री के सलाहकार एच गिंजालाल, जामी काउंसिल और कुकी इनपी के नेताओं के साथ अंतिम संस्कार में मौजूद थे. इस दौरान ITLF ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक लेटर भी भेजा जिसमें "CRPF द्वारा मारे गए 10 कुकी-जो वॉलंटियर्स" के लिए न्याय की मांग की गई है. लेटर में कहा गया, "पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों को पीछे से गोली मारी गई थी, जिससे पता चलता है कि वे मुठभेड़ में शामिल नहीं थे."

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एनआईए कर रही मामले की जांच

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जिरीबाम जिले की घटनाओं के संबंध में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जिनमें 31 वर्षीय महिला की हत्या, छह लोगों की अपहरण के बाद हत्या, और सीआरपीएफ द्वारा 10 सशस्त्र हमलावरों की मौत शामिल है. चुराचांदपुर में बंद के दौरान किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई, लेकिन स्थानीय लोगों में न्याय और शांति की मांग बढ़ती जा रही है. 

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