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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, 2 की मौत... 42 से अधिक घायल, भीड़ ने SP और DM ऑफिस पर बोला धावा

हिंसा के ताजा मामलों के बाद राज्य सरकार ने कुकी-बाहुल्य चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवा पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है. कल रात हुई हिंसा में कम से कम 2 लोगों की मौत हो गई और 42 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं.

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मणिपुर के चुराचांदपुर में उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर के कार्यालयों पर हमला किया. (फोटो: आज तक)
मणिपुर के चुराचांदपुर में उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर के कार्यालयों पर हमला किया. (फोटो: आज तक)

मणिपुर के चुराचांदपुर में गुरुवार देर एक बार फिर हिंसा भड़क गई. उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालयों पर धावा बोल दिया. सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें कम से कम दो लोग मारे गए और 42 लोग घायल हो गए. हिंसा के ताजा मामलों के बाद राज्य सरकार ने कुकी-बाहुल्य चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवा पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक भीड़ ने मिनी सचिवालय के नाम से जाने जाने वाले कॉम्प्लेक्स के पास खड़े सुरक्षा बलों के वाहनों के साथ-साथ कलेक्टर के आवास को भी जला दिया गया.

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चुराचांदपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव (गृह) मायेंगबाम वीटो सिंह ने कहा, 'असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का उपयोग जनता की भावनाएं भड़काने के लिए कर सकते हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं. जीवन की हानि, सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यापक गड़बड़ी के आसन्न खतरे को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लागू किया गया है'. मणिपुर पुलिस ने ताजा हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पर टिप्पणी नहीं की है. चुराचांदपुर जिला अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि दो लोगों की मौत गोली लगने से हुई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए.

Churachandpur

कुकी हेड कांस्टेबल को सस्पेंड करने बाद शुरू हुई हिंसा

सूत्रों के मुताबिक आदिवासी कुकी समुदाय के एक पुलिस हेड कांस्टेबल के निलंबन की रिपोर्ट सामने आने के बाद गुरुवार देर रात हिंसक भीड़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमा हो गई. हेड कांस्टेबल को 'हथियारबंद लोगों' और 'ग्राम स्वयंसेवकों' के साथ उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया था. चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे ने मणिपुर के 'अनुशासित पुलिस बल' के एक सदस्य द्वारा 'गंभीर अनुशासन​हीनता' का हवाला देते हुए हेड कांस्टेबल के निलंबन का आदेश जारी किया था. बता दें कि कुकी और मैतेई दोनों समुदायों ने मणिपुर के उन जिलों में एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर बैरिकेड्स लगाए हैं जहां वे बहुमत में हैं. हथियारबंद लोग जो खुद को 'ग्राम रक्षा स्वयंसेवक' कहते हैं, इन चौकियों की सुरक्षा कर रहे हैं.

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करीब 400 लोगों की भीड़ ने SP दफ्तर पर किया हमला

अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही हेड कांस्टेबल के निलंबन की खबर आई, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर हिंसक भीड़ इकट्ठा हो गई. उन्होंने कार्यालय का गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की. सुरक्षा बलों के रोकने पर भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया. मणिपुर पुलिस ने कहा कि लगभग 300-400 लोग भीड़ का हिस्सा थे. चुराचांदपुर में आगजनी और झड़पें लगभग आधी रात तक चलीं, जिसके बाद शहर में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की  तैनाती की गई है. चुराचांदपुर के आदिवासी समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने एक बयान में कहा कि हेड कांस्टेबल को तुरंत निलंबित कर दिया गया, जबकि इसी तरह के वीडियो में हथियारबंद लोगों के साथ देखे गए मैतेई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

Churachandpur 2nd

चुराचांदपुर एसपी को 24 घंटे में जिला छोड़ने की चेतावनी

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचांदपुर में बंद का आह्वान किया और पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे को 24 घंटे के भीतर पहाड़ी जिला छोड़ने को कहा है. आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा, 'अगर एसपी निष्पक्षता से काम नहीं कर सकते, तो हम उन्हें किसी भी आदिवासी इलाके में नहीं रहने देंगे. उन्हें तत्काल पुलिसकर्मी का निलंबन रद्द कर 24 घंटे के अंदर जिला छोड़ देना चाहिए. अन्यथा, भविष्य में किसी भी घटना के लिए पूरी तरह से सुर्वे जिम्मेदार होंगे'. बता दें कि आईटीएलएफ उन सिविल सोसाइटी ग्रुप में से एक है, जिसके साथ केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयासों के तहत बातचीत कर रही है. मणिपुर में पिछले साल 3 मई को बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से कम से कम 210 लोग मारे गए हैं और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

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