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मणिपुर हिंसा: 181 दिन बाद भी नहीं शुरू हुआ मोबाइल इंटरनेट, सरकार ने बढ़ाया बैन

मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बैन को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने कहा है कि मोबाइल इंटरनेट चालू करने पर असामाजिक तत्व ऐसे संदेश, फोटो और वीडियो को प्रसारित कर सकते हैं, जिससे राज्य का माहौल खराब हो सकता है. इसे रोकने के लिए ही प्रतिबंध को 5 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है.

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मणिपुर में हिंसा (फाइल फोटो)
मणिपुर में हिंसा (फाइल फोटो)

मणिपुर में हिंसा की शुरुआत हुए आज 181 दिन बीत चुके हैं. लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. राज्य में 3 मई की हिंसा के बाद बैन किया गया मोबाइल इंटरनेट अब भी चालू नहीं हुआ है. बुधवार को राज्य सरकार ने मोबाइल इंटरने पर प्रतिबंध को 5 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि, कुछ दिनों पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने संकेत दिए थे कि सरकार अगले कुछ दिनों में मोबाइल इंटरनेट पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस ले सकती है. बता दें कि मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद मोबाइल इंटरने सेवा निलंबित कर दी गई थी.

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बैन को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने कहा है कि मोबाइल इंटरनेट चालू करने पर असामाजिक तत्व ऐसे संदेश, फोटो और वीडियो को प्रसारित कर सकते हैं, जिससे राज्य का माहौल खराब हो सकता है. इसे रोकने के लिए ही प्रतिबंध को 5 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है. मिजोरम के गृह विभाग ने मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को एक सप्ताह से भी कम समय में दो बार बढ़ाया.

सोशल मीडिया का हो सकता है गलत इ्स्तेमाल

गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि प्रतिबंध को इस आशंका के बाद बढ़ाया गया कि असामाजिक तत्व नफरत भरे भाषण और वीडियो प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका असर कानून-व्यवस्था पर पड़ सकता है. एक दिन पहले ही मणिपुर के मोरेह में अतिरिक्त पुलिस बल पर हमलावरों ने घात लगाकर हमला किया था. इन्हें एसडीपीओ की हत्या के बाद भेजा गया था. इस हमले में तीन पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए थे, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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हमलावरों ने गोली मारकर की SDOP की हत्या

दरअसल, मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले के मोरेह में बदमाशों ने मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद को गोली मार दी थी. उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. उनकी मृत्यु के बाद सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए मोरेह शहर में अतिरिक्त बल को भेजा गया था. 

दो अलग-अलग जगहों पर हुआ था हमला

भारत-म्यांमार राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो अलग-अलग स्थानों पर मणिपुर पुलिस के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया था. पहला हमला बोंगयांग गांव में हुआ, लेकिन पुलिस ने जवाबी कार्रवाई नहीं की और मोरेह की ओर अपनी यात्रा जारी रखी. दूसरा हमला सिनम गांव में हुआ, जहां दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी.

गोली लगने पर घायल हो गए थे 3 पुलिसकर्मी

हमले के दौरान तीन पुलिसकर्मी- हेड कांस्टेबल एस थुइखावांग, कांस्टेबल एस शेखरजीत और एल बंगकिम सिंह गोली लगने से घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए राज मेडिसिटी अस्पताल ले जाया गया था. थुइखावांग के हाथ में गोली लगी और पेट में गंभीर चोट आई थी, जबकि शेखरजीत और बंगकिम के पैरों में गोली लगी थी.

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