मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने मंगलवार को इम्फाल स्थिति राजभवन में अरामबाई टेंगगोल के नेताओं से मुलाकात की. राज्यपाल ने नेताओं से अवैध हथियारों के सरेंडर करने को लेकर चर्चा की है. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि हथियार सरेंडर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. हालांकि, नेताओं ने इसको लेकर कुछ नियम और शर्तें रखीं और शर्तें पूरी के बाद हथियार सरेंडर करने की बातें कही हैं.
रिवाइवलिस्ट सांस्कृतिक संगठन अरामबाई टेंगगोल की एक टीम ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की, जिसमें इसके कमांडर-इन-चीफ टायसन न्गांगबाम उर्फ कोरोंगनबा खुमान, जनसंपर्क अधिकारी रॉबिन मंगंग खवाईराकाम और दो अन्य शामिल थे. ये सभी लोग शाम छह बजकर 05 मिनट पर तीन अलग-अलग वाहनों में पहुंचे राजभवन पहुंचे.
बंद कमरे में हुई मुलाकात
बंद कमरे में करीब एक घंटे चली इस बैठक के बाद रॉबिन ने मीडिया से कहा कि अरामबाई टेंगोल की टीम ने मणिपुर के नवनियुक्त राज्यपाल के साथ 'सार्थक चर्चा' की.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने हमसे अवैध रूप से रखे गए हथियारों को भी सरेंडर करने का अनुरोध किया. हालांकि, हमने कुछ नियम और शर्तें रखीं और उन्हें आश्वासन दिया कि अगर वे शर्तें पूरी होती हैं तो हथियार सरेंडर कर दिए जाएंगे.
वहीं, जब चर्चा की गई शर्तों के विवरण के बारे में पूछा गया तो रॉबिन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अरामबाई टेगगोल बाद में विवरण का खुलासा करेंगे. उन्होंने हथियारों के सरेंडर की समयसीमा पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
सरेंडर के बाद खोले जाएंगे हाईवे
बैठक के परिणाम के बारे में रॉबिन ने कहा, 'राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि कम समय में शांति बहाल की जाएगी और सरेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मणिपुर में सभी नेशनल हाईवे को पहले की तरह फिर से खोल दिया जाएगा.'
ज्ञापन में की ये मांगें
उन्होंने बताया कि हमने अपने ज्ञापन में बॉर्डर पर बाड़ लगाने का काम पूरा करना, 1951 को आधार वर्ष मानकर एनआरसी लागू करना, अवैध अप्रवासियों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजना, ऑपरेशन सस्पेंशन (एसओ) का उल्लंघन करने वाले उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, पोस्त की खेती को पूरी तरह नष्ट करना, अवैध अप्रवासियों से एसटी का दर्जा वापस लेना, किसी भी आयोग, न्यायाधिकरण, अदालत आदि द्वारा आरामबाई टेंगोल सहित गांव के स्वयंसेवकों के खिलाफ कोई गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई नहीं करना, पहाड़ियों और घाटी दोनों में समान कार्यान्वयन के लिए एमएलआर और एलआर अधिनियम 1960 में संशोधन करना और मीतेई/मीतेई का एसटी का दर्जा बहाल करना शामिल है.
राज्यपाल ने की हथियार सरेंडर करने की अपील
राज्यपाल अजय भल्ला ने 20 फरवरी को राज्य के सभी समुदायों के लोगों से लूटे गए अवैध हथियारों को सात दिन के अंदर सरेंडर करने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि अवैध हथियार सरेंडर करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
राज्यपाल ने कहा, "इस संबंध में मैं सभी समुदायों के लोगों, विशेष रूप से घाटी और पहाड़ियों के युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी मर्जी से आगे आएं और लूटे अवैध हथियारों, गोला-बारूद को आज से सात दिनों के अंदर निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षाबलों के शिविर में सरेंडर कर दें"
आपको बता दें कि 3 मई 2023 को हिंसा भड़कने के बाद से बिष्णुपुर और चुराचांदपुर की सीमा से लगे एक गांव तोरबंग में अत्याधुनिक असॉल्ट राइफलों से लैस हथियारबंद बदमाशों को विरोध प्रदर्शन करते देखा गया, तब से बड़ी भीड़ ने राज्य के शस्त्रागार, पुलिस स्टेशनों, चौकियों और अन्य सुविधाओं से हथियार लूट लिए हैं. अब तक 6,000 से अधिक हथियार लूटे जा चुके हैं और लगभग 2,500 बरामद किए गए हैं.