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12 घंटे का बंद, हर घर पर काला झंडा और बंदूक से सलामी... मणिपुर में दफन किए गए 19 कुकी लोगों के शव

फैजंग गांव में शहीद कब्रिस्तान में "आप हमारे कल के लिए अपना आज बलिदान करें" थीम के तहत सामूहिक शवों को दफनाने की प्रक्रिया की गई. सामूहिक दफन सुबह 11:00 बजे शुरू हुआ. इस दौरान गांव के स्वयंसेवकों द्वारा बंदूक की सलामी के साथ शोक संवेदना व्यक्त की गई.

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मणिपुर में कुकी समुदाय के लोगों के शव दफन किए गए (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मणिपुर में कुकी समुदाय के लोगों के शव दफन किए गए (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मणिपुर में जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के 19 शवों को हेलीकॉप्टर के जरिए कांगपोकपी जिले में लाया गया. शुक्रवार को यहां के फैजांग गांव में इन सभी शवों को सामूहिक रूप से दफनाया गया. इससे पहले कांगपोकपी, सदर हिल्स में आदिवासी एकता समिति ने 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था. साथ ही कांगपोकपी के सभी कुकी-जो लोगों को शोक के तौर पर हर घर में एक काला झंडा फहराने को भी कहा था.

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शुक्रवार को सभी 19 शवों को सामूहिक कार्यक्रम में दफनाया गया. समिति ने एक बयान में कहा कि शवों को सौंपने से आठ महीने की लंबी उथल-पुथल, हृदयविदारक और निराशा के बाद हमारे मृत भाइयों और बहनों की बहुप्रतीक्षित घर वापसी हुई है.

फैजंग गांव में शहीद कब्रिस्तान में "आप हमारे कल के लिए अपना आज बलिदान करें" थीम के तहत सामूहिक शवों को दफनाने की प्रक्रिया की गई. सामूहिक दफन सुबह 11:00 बजे शुरू हुआ. इस दौरान गांव के स्वयंसेवकों द्वारा बंदूक की सलामी के साथ शोक संवेदना व्यक्त की गई.

बता दें कि मणिपुर में मई महीने में भड़की जातीय हिंसा में मारे गए कुकी और मैतेई समुदायों के 64 लोगों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं. ये सभी शव अब तक मणिपुर के मुर्दाघरों में रखे हुए थे. जातीय संघर्ष के दौरान 175 मौतें हुईं और 169 शवों की पहचान की गई. इनमें से केवल 81 शवों पर रिश्तेदारों ने दावा किया था. 

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