मणिपुर के जिरीबाम जिले में मैतेई समुदाय की एपेक्स बॉडी ने गुरुवार को एक विधायक पर बदमाशों को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है.
जिरी अपुनबा लुप ने एक बयान में कहा, 'विधायक ने कई बैठकें आयोजित कीं...(बदमाशों) को आर्थिक मदद, युद्ध के सामान और सहायक उपकरण दिए. लेकिन मुसलमान मैतेई लोगों के साथ शांति से रहना चाहते हैं. इसलिए उनका प्लान फेल हो गया.'
इन आरोपों पर विधायक की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और आरोप पर उनकी टिप्पणी दर्ज करने के बारे में संपर्क करने की कोशिश की गई. हालांकि, उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
इससे पहले मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हमार और जोमी समुदायों के बीच संघर्ष की खबरें सामने आईं थीं. ये हिंसा तब भड़की जब 18 मार्च की शाम को जोमी समूह द्वारा उनके समुदाय का झंडा फहराया गया, जिसका हमार समुदाय ने विरोध किया. इस तनाव भरे हालात में 53 साल के लालरोपुई पाखुमाते की मौत हो गई, जिनकी पहचान सेइलमत गिलगलवंग के निवासी के रूप में की गई है.
16 मार्च की रात जेंहांग में हमार नेता पर हमले हुए थे, जिसके बाद तनाव बढ़ा है. इसके चलते जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. हालांकि, मंगलवार को हमार इंपुई मणिपुर और जोमी काउंसिल के बीच शांति समझौता हुआ था, फिर भी हालात में सुधार नहीं देखा जा रहा है.
मई 2023 में हुई हिंसा
मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
केंद्र ने 13 फरवरी को एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. राज्य विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक है, को निलंबित कर दिया गया है.