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मणिपुर: 5 युवकों की गिरफ्तारी को लेकर भीड़ ने थानों और कोर्ट पर बोला धावा

प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े, जिसमें 10 से अधिक लोग घायल गए. उधर, स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इंफाल के दो जिलों में दी गई कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी. साथ ही एहतियात के तौर पर स्थिति इलाके में भारी फोर्स भी तैनात कर दी गई है.

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मणिपुर में फिर हालात गंभीर हो गए हैं (फोटो- ANI)
मणिपुर में फिर हालात गंभीर हो गए हैं (फोटो- ANI)

मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ सुरक्षाबलों को हथियारों का जखीरा बरामद हो रहा है तो वहीं प्रदर्शनकारी थाने और कोर्ट तक में हमला कर दे रहे हैं. गुरुवार को ऐसा ही कुछ देखने को मिला. जहां गिरफ्तार किए गए पांच युवकों की बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन और कोर्ट पर धावा बोल दिया. 

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प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े, जिसमें 10 से अधिक लोग घायल गए. उधर, स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इंफाल के दो जिलों में दी गई कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी. साथ ही एहतियात के तौर पर स्थिति इलाके में भारी फोर्स भी तैनात कर दी गई है.

बता दें कि पांच ग्रामीण स्वयंसेवकों की रिहाई की मांग करने वाले छह स्थानीय क्लबों और मीरा पैबिस के आह्वान पर प्रतिक्रिया देते हुए हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी में प्रवेश करने की कोशिश की. इसके बाद, मौके पर तैनात पुलिस और आरएएफ कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे.

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पोरोम्पैट में थ बिमोला नाम के एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारे पास कोर्ट पर दावा बोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि सरकार गांव के पांच स्वयंसेवकों को रिहा नहीं कर रही थी. अगर ऐसे गांव के स्वयंसेवकों को गिरफ्तार किया गया, तो परिधि में कुकी जो उग्रवादी इलाकों में मैतेई गांवों की रक्षा कौन करेगा?"

थानों पर भी प्रदर्शनकारियों का हमला

वहीं इंफाल पश्चिम जिले के मायांग इम्फाल पुलिस स्टेशन और इम्फाल पूर्वी जिले के एंड्रो पुलिस स्टेशन में भी प्रदर्शनकारियों के जबरन घुसने की सूचना मिली थी. ऑल लंगथबल केंद्र यूनाइटेड क्लब्स कोऑर्डिनेटिंग कमेटी के अध्यक्ष युमनाम हिटलर ने बताया, "सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच युवाओं को रिहा नहीं करने पर 'स्वैच्छिक सामूहिक गिरफ्तारी' आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया है."

16 सितंबर को पुलिस ने पांचों को किया था गिरफ्तार

बता दें कि 16 सितंबर को, मणिपुर पुलिस ने अत्याधुनिक हथियार रखने और सुरक्षा बलों की वर्दी पहनने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने एक बयान में कहा था कि पांचों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. 

मजिस्ट्रेट ने दिए थे कर्फ्यू में ढील के आदेश

गौरतलब है कि इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट के एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक, "21 सितंबर को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी, जिसे शाम 5 बजे से वापस ले लिया गया. साथ ही स्थिति को देखते हुए उनके अधिकारियों के आवास के बाहर आम जनता की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी तरह के आदेश इंफाल पूर्वी जिले में भी लागू किए गए हैं."

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