मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में मोरेह में एसडीपीओ चिंगथम आनंद सिंह की हत्या के मामले में एक म्यांमार नागरिक सहित कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एन बीरेन सिंह ने कहा कि इस केस में गिरफ्तार किए गए 9 संदिग्धों में एक म्यांमार का नागरिक है, जो मामले में बाहरी तत्वों की मौजूदगी के कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हस्तक्षेप की मांग कर रहा है.
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिवंगत एसडीपीओ के बेटे को पुलिस में एएसआई के पद पर नियुक्ति देने की भी घोषणा की. बता दें कि मोरेह के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) चिंगथम आनंद सिंह को 31 अक्टूबर 2023 को मोरेह में बदमाशों ने गोली मार दी थी. उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
इस मामले में जनवरी 2024 में सुरक्षाबलों ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनकी पहचान फिलिप खैखोलाल खोंगसाई और हेमखोलाल मटे के रूप में हुई है. दोनों आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं. वहीं, 4 मार्च को हिंसा प्रभावित मणिपुर के कांगपोकपी में एक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों ने राज्य के घाटी जिलों में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (एएफएसपीए) लागू करने की मांग की.
बता दें कि बीते साल तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला. ये रैली चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके में निकाली गई. ये रैली मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाली गई थी. मैतेई समुदाय लंबे समय से अनुसूचित जनजाति यानी एसटी का दर्जा देने की मांग कर रही है. इसी रैली के दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. तभी से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है. कुकी और मैतेई समुदाय की बीच की जंग में 219 लोगों की मौत हो गई है.
वहीं, मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि लीमाखोंग हेवी फ्यूल पावर स्टेशन में तेल रिसाव की घटना से संबंधित हालिया घटनाक्रम से तोड़फोड़ का संदेह है. बिजली मंत्री टी बिस्वजीत ने विधायक के रंजीत और विधायक टी लोकेश्वर द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता बताते हुए घटना के संबंध में 2 FIR दर्ज की गई हैं.
11 जनवरी को हुई इस घटना के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और घटनास्थल पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया. मंत्री ने कहा कि उपद्रवियों ने कथित तौर पर हैवी फ्यूल भारी को जोड़ने वाले पाइपों को काट दिया था, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि यह कृत्य जानबूझकर किया गया था. मंत्री ने तेल रिसाव को रोकने और इसके प्रभाव को कम करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी.