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मणिपुर में अवैध शरणार्थियों की बायोमेट्रिक जांच शुरू, जानें कब तक पूरी होगी प्रक्रिया

मणिपुर सरकार ने राज्य में पहचाने गए अवैध अप्रवासियों के बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है. संयुक्त सचिव (गृह) पीटर सलाम ने बताया, हमने राज्य में लगभग 2,500 अवैध प्रवासियों की पहचान की है, जिनमें से अधिकांश वर्तमान में तेंगनौपाल और चंदेल जिलों में हैं.

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मणिपुर में अवैध आप्रवासियों की बायोमेट्रिक जांच फिर से शुरू हुई है (फाइल फोटो)
मणिपुर में अवैध आप्रवासियों की बायोमेट्रिक जांच फिर से शुरू हुई है (फाइल फोटो)

मणिपुर में एक बार फिर सरकार ने म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों की पहचान करना शुरू कर दिया है. सरकार राज्य में सभी अवैध म्यांमार अप्रवासियों के बायोमेट्रिक जांच का अभियान चला रही है. एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि मणिपुर सरकार ने राज्य में पहचाने गए अवैध अप्रवासियों के बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है.

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संयुक्त सचिव (गृह) पीटर सलाम ने बताया, हमने राज्य में लगभग 2,500 अवैध प्रवासियों की पहचान की है, जिनमें से अधिकांश वर्तमान में तेंगनौपाल और चंदेल जिलों में हैं. ये म्यांमार के साथ सीमा साझा करते हैं. सलाम ने कहा, 'राज्य सरकार ने पहले पहचान प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन मई में हिंसा भड़कने के बाद यह रुक गई थी.' उन्होंने कहा, 'चुराचांदपुर जिले में गिरफ्तार किए गए अवैध अप्रवासियों को इंफाल पूर्व में फॉरेनर्स डिटेंशन सेंटर और सजीवा जेल में रखा गया है.' 

किन-किन जेलों में कितने कैदी
सलाम ने कहा, "कुल मिलाकर, 104 कैदी विदेशी हिरासत केंद्र में, 60 सजीवा जेल में और 70 इंफाल जेल में हैं.' अधिकारियों ने कहा, 'सोमवार तक 104 अवैध म्यांमारी कैदियों में से 74 पुरुष, 24 महिलाएं और छह नाबालिग हैं.' सलाम ने कहा, 'बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करना एक समय लेने वाली प्रक्रिया है क्योंकि हमें भाषा और सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.'

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सलाम ने कहा, 'अवैध आप्रवासियों द्वारा असहयोग के कारण अधिकारियों को पहले समस्याओं का सामना करना पड़ा था. हालांकि, जब उन्हें आश्वासन दिया गया कि उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा, तो धीरे-धीरे अवैध आप्रवासियों से संपर्क किया जा सका.' सलाम ने कहा, 'उन्हें मतदान करने से रोकने के लिए उनका विवरण भारत चुनाव आयोग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को भेजा जाएगा.'

सितंबर तक अभियान को पूरा करने का लक्ष्य
सलाम ने कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य गृह विभाग द्वारा प्रतिनियुक्त राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अधिकारी राज्य पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों को बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करने में सहायता कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'अभियान गंभीरता से चलाया जा रहा है और इसे सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है. अगर हिंसा नहीं होती तो हम और अधिक अवैध प्रवासियों की पहचान कर लेते."

पिछले हफ्ते, राज्य सरकार ने कहा था कि 301 बच्चों सहित कम से कम 718 म्यांमार नागरिकों ने अवैध रूप से पूर्वोत्तर राज्य में प्रवेश किया है. गृह विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत-म्यांमार सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स द्वारा 22 और 23 जुलाई को चंदेल जिले में अवैध घुसपैठ की सूचना दी गई थी. मणिपुर म्यांमार के साथ 398 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. चिन समुदाय के लोग जो मणिपुर के कुकी के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं, म्यांमार की ओर रहते हैं.

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