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मणिपुर में 3 रेप, 72 मर्डर और लूट की 4 हजार वारदातें... सुप्रीम कोर्ट को दी गई स्टेटस रिपोर्ट में खुलासा

मणिपुर प्रशासन की ओर से हिंसा मामलों और इससे जुड़े अपराधों के ब्यौरे की स्टेटस रिपोर्ट सामने आई है. ये स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. मणिपुर हिंसा मामलों में FIR की अधिकतम संख्या 4694 हैं, जिनमें हत्या के लिए 72 FIR दर्ज की गई हैं. शील भंग करना 354- महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग की 6 FIR शामिल हैं.

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मणिपुर हिंसा के खिलाफ कुकी समुदाय के लोगों ने किया था प्रदर्शन (फाइल फोटो)
मणिपुर हिंसा के खिलाफ कुकी समुदाय के लोगों ने किया था प्रदर्शन (फाइल फोटो)

मणिपुर प्रशासन की ओर से हिंसा मामलों और इससे जुड़े अपराधों के ब्यौरे की स्टेटस रिपोर्ट सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक सामूहिक बलात्कार और हत्या की केवल एक FIR दर्ज की गई है, जबकि सामूहिक बलात्कार और बलात्कार के मामले में तीन FIR दर्ज हैं. मणिपुर हिंसा मामलों में FIR की अधिकतम संख्या 4694 हैं, जिनमें हत्या के लिए 72 FIR दर्ज की गई हैं. मणिपुर सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश सरकारी रिपोर्ट में ये आंकड़े दर्शाए गए हैं. 

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मणिपुर में FIR की अधिकतम संख्या - 4694
हत्या की 72 एफआईआर
पूजा स्थलों को नष्ट करने के लिए 46 एफआईआर

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल सरकारी रिपोर्ट के आंकड़े

1. हत्या 302/304 - हत्या ---72

2. बलात्कार 376/376D - बलात्कार/सामूहिक बलात्कार---03

3. हत्या और बलात्कार 302/304 - हत्या और 376 - बलात्कार -- 01

4. शील भंग करना 354- महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग - 06

5. आगजनी 436/435 - आग या विस्फोटक पदार्थ (आगजनी) द्वारा शरारत - 4454

6. लूटपाट/डकैती/डकैती--4148

7. गृह संपत्ति का विनाश/नुकसान पहुंचाने वाली शरारत--4694

8. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान / पीडीपीपी अधिनियम - सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली शरारत - 584

9. धार्मिक पूजा स्थलों का विनाश/चोट पहुंचाना या पूजा स्थलों को अपवित्र करना-- 46

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10. गंभीर चोट- 100

राज्य में किस तरह गठित होगी SIT, कौन-कौन होगा शामिल?
इसके साथ ही राज्य में SIT बनाने की बात कही गई है, जिसके लिए मणिपुर पुलिस ने एसआईटी गठित करने के लिए संभावित 
टीम का भी प्रस्ताव दिया है. हत्या और/या किसी अन्य जघन्य अपराध से संबंधित एफआईआर के लिए, एसआईटी का नेतृत्व एक ऐसे अधिकारी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है जो एसपी रैंक से नीचे का न हो और ऐसी एसआईटी में निम्नलिखित भी शामिल होंगे.

1. 2 निरीक्षक
2. 6 उपनिरीक्षक
3. 12 कांस्टेबल.

इसके साथ ही बलात्कार, शीलभंग और ऐसे अन्य यौन अपराधों से संबंधित FIR के लिए, SIT का नेतृत्व एक ऐसे अधिकारी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है जो एसपी रैंक से नीचे का न हो और ऐसी SIT में निम्नलिखित भी शामिल होंगे.
1. कम से कम 01 महिला इंस्पेक्टर
2. कम से कम 02 महिला उप-निरीक्षक
3. कम से कम 04 महिला पीसी

अन्य FIR के लिए, डिप्टी एसपी रैंक से नीचे के अधिकारी की अध्यक्षता में SIT का गठन किया जाएगा. इन SIT की संरचना इस प्रकार होगी.
4. 02 निरीक्षक
5. 06 उप-निरीक्षक
6. 12 कांस्टेबल.

चुराचांदपुर, कांगपोकपी, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों के लिए, उपरोक्त संरचना के साथ प्रत्येक जिले में 06 (छह) एसआईटी होंगी. थौबल और तेंगनौपाल जिलों के लिए, उपरोक्त संरचना वाली प्रत्येक 03 (तीन) एसआईटी होंगी.

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SIT की होगी वीकली निगरानी
इन एसआईटी की वीकली निगरानी DIG/IG/ADG रैंक के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी. इसके अलावा डीजीपी भी इन मामलों की 15 दिनों में मॉनिटरिंग करेंगे. इन मामलों को केंद्रित और समय से निपटाने के लिए मणिपुर पुलिस की एसआईटी टीमों का प्रस्ताव रखा जा रहा है.

 

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