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मणिपुर में जारी हिंसा और विद्रोही गुटों पर ताबड़तोड़ एक्शन के बीच चार दिन के दौरे पर अमित शाह  

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार दिन के दौरे पर इंफाल पहुंच गए हैं. अमित शाह वहां के अलग-अलग समुदायों के लोगों से लगातार बातचीत कर रहे हैं. इसके अलावा कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ मणिपुर इंटीग्रिटी के नुमाइंदों से भी मुलाकात करेंगे.

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गृह मंत्री अमित शाह ने इंफाल में की बैठक
गृह मंत्री अमित शाह ने इंफाल में की बैठक

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार दिन के दौरे पर इंफाल पहुंच गए हैं. अमित शाह वहां के अलग-अलग समुदायों के लोगों से लगातार बातचीत कर रहे हैं. मणिपुर के सीएम ने बताया था कि सुरक्षाबलों के साथ झड़प में अबतक 40 से ज्यादा उग्रवादी मारे जा चुके हैं. वहीं कांग्रेस ने आज मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. 

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अमित शाह के मणिपुर पहुंचने से ठीक पहले रविवार को पूर्वोत्तर में ताजा हिंसा हुई. इसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. गृह मंत्री उन जिलों का दौरा करेंगे, जहां मैतेई और कुकी आदिवासियों की आबादी है और इन जगहों पर तीन मई से हिंसा जारी है. इसके अलावा शीर्ष अधिकारियों समेत अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ भी अमित शाह की बैठकें होंगी.   

उन्होंने ट्वीट कर बताया कि विभिन्न नागरिक संगठनों के सदस्यों के साथ सार्थक चर्चा हुई. उन्होंने शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और शांति बहाल करने के लिए साथ देने का आश्वासन दिया. इसके अलावा अमित शाह ने बीजेपी के सभी विधायकों को मीटिंग के लिए बुलाया है. वह चंद्रपुर एरिया से वापस आने के बाद बैठक करेंगे.  

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अमित शाह आज कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ मणिपुर इंटीग्रिटी के नुमाइंदों से मुलाकात करेंगे. इसके बाद गृहमंत्री सुरक्षा एजेंसियों के अघिकारियों से भी मिलेंगे. कमिटी ने शाह के दौरे से पहले राज्य में जल्द शांति बहाली की उम्मीद जताई है.  

कांग्रेस ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन 

वहीं कांग्रेस ने मणिपुर की हिंसा को लेकर आज राष्ट्रपति से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने हिंसा पर बीजेपी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को मणिपुर में हुए नुकसान का जायजा लेने में करीब एक महीना लग गया. मणिपुर के लोग इस संवेदनशील मामले पर भाजपा की चुप्पी के पीछे छुपे एजेंडे को समझने में विफल हैं.  

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना 

वहीं मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार चाहती तो मणि‍पुर में ह‍िंसा बंद हो सकती थी, लेकिन हिंसा को होने दिया गया. सत्ता में रहने के लिए हिंसा BJP का माध्यम रहा है.  

तीन मई को शुरू हुई थी हिंसा 

मणिपुर में 3 मई को हिंसा शुरू हुई थी, जब मैतेई को एसटी समुदाय में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) ने रैली का आयोजन किया था.  

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