हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसके साथ ही 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. घाटी के जिलों में 6 लोगों की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जिनके शव जिरीबाम में मिले थे, जिन्हें कथित तौर पर उग्रवादियों ने अगवा कर लिया था.
पूर्वोत्तर राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचंदपुर जिलों में 2 दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है. इंफाल घाटी के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें आई हैं, क्योंकि भीड़ ने कई विधायकों के घरों पर धावा बोल दिया और संपत्ति को नष्ट कर दिया.
लोगों के एक गुट ने निशिकांत सिंह के घर पर हमला किया और गेट के सामने बने बंकरों और गेट को नष्ट कर दिया. इसी भीड़ ने इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद में विधायक आरके इमो के घर पर धावा बोला और फर्नीचर जला दिया और खिड़कियां तोड़ दीं.
6 लोगों- तीन महिलाओं और तीन बच्चों के अपहरण और हत्या को लेकर इंफाल के ख्वाइरामबंद कीथेल में विरोध प्रदर्शन हुए. सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम को मणिपुर-असम बॉर्डर पर जिरीबाम जिले के जिरीमुख के सुदूर गांव में एक नदी के पास उनके शव मिले थे. शवों को शुक्रवार रात असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया.
बता दें कि सोमवार को जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के बाद राहत शिविर में रहने वाली 3 महिलाएं और 3 बच्चे लापता हो गए थे. मैतेई समुदाय ने आरोप लगाया कि उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया है.
11 नवंबर को उग्रवादियों के एक समूह ने बोरोबेकरा इलाके में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने हमले को विफल कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 11 उग्रवादी मारे गए. पीछे हटते समय उग्रवादियों ने कथित तौर पर पुलिस स्टेशन के पास एक राहत शिविर से तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर लिया था.
मणिपुर पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा का गवाह रहा है, हाल ही में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं. जातीय रूप से विविध जिरीबाम जातीय संघर्षों से काफी हद तक अछूता रहा था.
गुरुवार को केंद्र ने मणिपुर के 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू कर दिया है, जिसमें जिरीबाम भी शामिल है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि ये निर्णय जातीय हिंसा के कारण "लगातार अस्थिर स्थिति" के मद्देनजर लिया गया है. बता दें कि राज्य सरकार ने शनिवार को स्कूलों और कॉलेजों में पहले ही छुट्टी घोषित कर दी थी.