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राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुंआ' पढ़ी थी. अब इस कविता को लेकर सियासत तेज हो गई है. आरजेडी का दावा है कि मनोज झा को जान से मारने की धमकियां दी जा रही है. पार्टी ने झा की सुरक्षा के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है. ऐसे में आरजेडी पूरी तरह से मनोज झा के समर्थन में उतर आई है.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से राज्यसभा सांसद मनोज झा की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. आरजेडी ने मनोज झा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने की मांग करते हुए केंद्रीय गृहमत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि मनोज झा की जान को खतरा है. कुछ लोगों ने झा की गर्दन काटने की धमकी दी है.
आरजेडी प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने गृहमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राज्यसभा सांसद मनोज झा पर जिस तरह से जानलेवा हमले की धमकी दी जा रही है, वह चिंता का विषय है. धमकी देने वालों में बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप ने गर्दन तक काटने की बात कही है. पूर्व सांसद ने तो जीभ काटकर आसन तक फेंकने की बात कही है. पूर्व मंत्री नीरज बबलू ने भी जीभ काटने की धमकी दी है. इस आक्रोश और तल्खी भरे वक्तव्य से मनोज झा को जान का खतरा हो सकता है और यह बात मंत्रालय के संज्ञान में होगी ही.
उन्होंने कहा कि जो कभी सुरक्षा कवच में रहें, उन्हें भी जान गंवानी पड़ी है. मनोज झा बुद्धिजीवी और शांत प्रवृत्ति के इंसान हैं. श्रेष्ठ सांसद का खिताब भी प्राप्त कर चुके हैं, जिससे बिहार और देश का गौरव बढ़ा है. ऐसे गौरवशाली प्रतिभा के धनी व्यक्ति को सुरक्षित रखना सरकार का कर्तव्य है इसलिए अनुरोध है कि मनोज झा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए ताकि वह सुरक्षित महसूस कर सकें.
मनोज झा के समर्थन में उतरे लालू यादव
लालू यादव ने कहा कि मनोज झा विद्वान आदमी है. उन्होंने सही कहा है. उन्होंने किसी राजपूत के खिलाफ बयान नहीं दिया है. उन्होंने किसी समाज का अपमान नहीं किया है.
मनोज झा ने कुछ गलत नहीं कहा: जीतनराम मांझी
मनोज झा के बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि मनोज झा ने किसी खास जाति के बारे में नहीं कहा है. उन्होंने सिर्फ एक कविता का उल्लेख किया है, जिसमें ठाकुर शब्द है. ठाकुर का मतलब है एक अदृश्य और दैवीय शक्ति. उन्होंने उसके बारे में बात की है ना की किसी खास जाति के बारे में. यह मेरे निजी विचार है कि मनोज झा ने कुछ गलत नहीं कहा है.
लालू यादव ने चेतन आनंद को नसीहत देते हुए कहा कि उनमें उतनी ही बुद्धि ही तो क्या कहा जाए.
क्या है मामला?
आरजेडी सांसद मनोज झा ने 21 सितंबर को राज्यसभा में ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता पढ़ी. इस कविता का नाम था ठाकुर का कुआं, मनोज झा के कविता पढ़ने के हफ्ते भर बाद इसे मुद्दा बना लिया गया है.
चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का.
भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का.
बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की.
कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?
आरजेडी सांसद मनोज झा ने ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनाते हुए ठाकुरों का जिक्र किया था और अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी. मनोज झा की इसी टिप्पणी को लेकर बाहुबली नेता आनंद मोहन समेत उनके विधायक बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.