असम के दीमा हसाओ जिले में एक बड़ी दुर्घटना हो गई है. यहां 300 फीट गहरी कोयला खदान में पानी घुसने के बाद 9 मजदूर फंस गए हैं. मेघालय की सीमा के पास स्थित यह अवैध खदान उमरंगसो शहर में है. मजदूरों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन लॉन्च कर दिया गया है. लेकिन बताया जा रहा है कि खदान 'चूहे के बिल' के जैसी होने के कारण बचाव कार्य में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
सूत्रों के मुताबिक खदान में करीब 100 फीट तक पानी भर गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की विशेष टीमें लगाई गई हैं. सभी दल मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन चला रहे हैं. लेकिन काफी ऊंचाई तक पानी भर जाने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
असम CM की अपील पर हुई तैनाती
बताया जा रहा है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुरोध पर मजदूरों को बचाने के लिए सेना के विशेष राहत कार्य बल को तैनात किया गया है. इस टीम में गोताखोर, इंजीनियर और सेना के दूसरे प्रशिक्षित जवान शामिल हैं. भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रेस्क्यू मिशन को एक सीनियर और अनुभवी अधिकारी की देखरेख में चलाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने शेयर की मजदूरों की डीटेल
2018 और 2021 में हो चुकी हैं घटनाएं
दिसंबर 2018 में इसी तरह की एक घटना मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स में हुई थी. तब एक अवैध कोयला खदान में पास की नदी का पानी घुसने के बाद वहां 15 मजदूर फंस गए थे. वहीं, 2021 में इसी तरह की एक और घटना हुई थी, जिसमें मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी से भरी एक अवैध कोयला खदान में पांच मजदूर फंस गए थे.
मेघालय सरकार पर लग चुका है जुर्माना
बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 2019 में अवैध कोयला खनन पर अंकुश लगाने में विफल रहने के बाद मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
(इनपुट: सारस्वत कश्यप)