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धनतेरस पर गुलजार हुए बाजार, दो दिन में करीब 45 हजार करोड़ का कारोबार

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के आंकड़े के मुताबिक देश में दो दिन के धनतेरस त्योहार पर लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस-पास हुआ. इसके अलावा लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार अन्य जरूरी सामान का हुआ.

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धनतेरस पर लोगों ने जमकर की जेब ढीली (सांकेतिक तस्वीर)
धनतेरस पर लोगों ने जमकर की जेब ढीली (सांकेतिक तस्वीर)

देशभर में पंचांग तिथि के अनुसार कल और आज दो दिन (22-23 अक्टूबर) धनतेरस का त्यौहार मनाया गया. जिसमें एक अनुमान के मुताबिक लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस-पास हुआ. इसके अलावा लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार ऑटोमोबाइल, कम्प्यूटर एवं कम्प्यूटर से संबंधित सामान, फर्नीचर, घर और ऑफिसों की साज-सज्जा के लिए जरूरी सामान, मिठाई एवं नमकीन, किचन का सामान, सभी प्रकार के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल वस्तुओं में हुआ.

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बता दें कि धनतेरस के दिन संसाधनों की खरीदी की जाती है. इसलिए देशभर में लोग धनतेरस के दिन ही दीपावली की पूजा से जुड़ी खरीदारी और कारोबार के लिए सामान खरीदते हैं.

बाजारों में देखा गया ये अनोखा पैटर्न

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कल और आज दो दिन देशभर के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी. माना जा रहा है कि दो साल कोरोना की वजह से बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर वापिस बाजार में पूरे जोर-शोर से आ गए हैं और इसीलिए कैट का यह अनुमान है की इस वर्ष दिवाली त्योहार की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा. इस बार यह भी देखा जा रहा है कि देशभर के बाजारों में भारतीय सामान को खरीदने पर जोर दिया जा रहा है, जिसके कारण चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान की 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा.

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फिर से गुलजार हुए बाजार

कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है और भारत में सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80% तक की बढ़ोतरी हुई है. अरोरा के मुताबिक 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में स्वर्ण आयात में लगभग 11.72% की कमी आई है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो इस बार 308.78 टन रह गया, जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई. वहीं देशभर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने बनवाए हैं और पिछले दो सालों के स्टॉक की भी बिक्री बड़ी मात्रा में हुई है.

दो दिनों में बाजार में लौटी रौनक

दो दिन के धनतेरस त्योहार के चलते देशभर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के सोने, चांदी और डायमंड जिसमें गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई है. एक अनुमान के अनुसार ज्वेलरी के अलावा कल और आज दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम एवं पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण एवं किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट एवं फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है. जबकि दिवाली पूजा का सामान, घर एवं ऑफिस की साज सज्जा, बिजली एवं बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाईवुड आदि में भी काफी बड़ा व्यापार हुआ है.

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बताते चलें कि 24 अक्टूबर को देशभर में दिवाली मनाई जाएगी, वहीं 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण, 26 अक्टूबर को श्री गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव, 27 अक्टूबर को भैया दूज और उसके बाद छठ पूजा तथा 5 नवंबर को तुलसी विवाह के साथ दिवाली त्येहार का सीजन खत्म होगा और देशभर के व्यापारियों को बड़ी उम्मीद है कि अभी दिवाली त्योहार के बचे हुए दिनों में भी बिक्री में बेहद वृद्धि होगी.

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