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'हमें कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना होगा', जंतर-मंतर पर महमूद मदनी की हुंकार, वक्फ बिल पर बड़ा प्रोटेस्ट

जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, इमरान मसूद और असदुद्दीन ओवैसी जैसे दिग्गज वक्फ बिल के विरोध पर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के प्रोटेस्ट शामिल होने के लिए जंतर-मंतर पहुंच गए हैं.

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जंतर-मंतर पहुंचे ओवैसी.
जंतर-मंतर पहुंचे ओवैसी.

वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले सोमवार को जंतर-मंतर पर बड़ा प्रोटेस्ट हो रहा है. इसमें अलग-अलग मुस्लिम संगठनों के प्रमुख और राजनीतिक दलों के सांसद और वरिष्ठ नेता हिस्सा ले रहे हैं. इसी बीच, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बड़ा बयान दिया है.

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महमूद मदनी ने कहा, यह मुसलमानों का नहीं, बल्कि दस्तूर का‌ मामला है. हमारे घरों और मस्जिदों पर बुल्डोजर चलते हैं. ऐसा करके संविधान पर बुल्डोजर चला रहे हैं. हमें कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना होगा. हमें इनकी मुखालफत करनी होगी.

इससे पहले जंतर-मंतर पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, इमरान मसूद और असदुद्दीन ओवैसी जैसे दिग्गज भी प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने धरने को संबोधित करते हुए कहा, 'आज ये मुल्क के हालात बन गए हैं कि देश के अंदर कानून की धज्जियां उड़ाने की कोशिश की जा रही है. मैं इस लड़ाई में अपनी पार्टी के नेता राहुल गांधी की ओर से अपनी छोटी-सी हिस्सेदारी देने आपके बीच आया हूं.'

AIMPLB के धरने पर प्रतिक्रिया देते हुए वक्फ JPC के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, 'जंतर-मंतर का यह प्रोटेस्ट, राजनीति से प्रेरित है. ये प्रदर्शन ऑर्गेनाइज्ड तरीके से किया जा रहा है. यह राजनीतिक टकराव के चलते कर रहे हैं. विपक्ष के लोग तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं.' 

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'किस बात का हो रहा है विरोध'
 
उन्होंने AIMPLB से सवाल करते हुए कहा, 'किस बात के लिए विरोध हो रहा है. हमने 428 पेज की रिपोर्ट प्रस्तुत की है. इसमें कोई ऐसी गुंजाइश नहीं है. उन्होंने रिपोर्ट किसी भी तरीके से नहीं पढ़ा है. कलेक्टर के मामले में सवाल उठाना ठीक नहीं है. उसे सीनियर अधिकारियों तक अधिकार हैं.'

'गरीब मुसलमान के लिए है बिल'

उन्होंने दावा किया कि ये बिल गरीब मुसलमान, 'पसमांदा मुसलमान के लिए है. जब बैठे हो रही थी तो इसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लोगों को भी बुलाया गया था, सभी स्टेट होल्डर सच में शामिल थे. उसके बावजूद भी विरोध करना ठीक नहीं है. इस बात पर सिर्फ राजनीति की जा रही है.'

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस कानून को लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है. देश के लोगों को गुमराह किया जा रहा है. देश कानून में राज्य से चलता है आर्टिकल 370 के समय में भी खून की नदियां बहने की बात कही गई थी, लेकिन जम्मू कश्मीर में ऐसा कुछ नहीं हुआ. तीन तलाक के समय में भी जंतर-मंतर पर विरोध किया गया था. आज देश के सभी बेहतरी के लिए काम किया जा रहा है और वक्फ भी बेहतरी के लिए किया जा रहा है.

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मांगें नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन

प्रोटेस्ट से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, 'इस विरोध प्रदर्शन में AIMPLB के साथ-साथ दूसरे कई मुस्लिम संगठन प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. जंतर-मंतर से संदेश देंगे कि मांगे नहीं मानी तो आंदोलन करेंगे.'

AIMPLB ने कहा, 'प्रोटेस्ट में अलग-अलग राज्यों से आए नुमाइंदों का कहना है कि जमीन बाप दादाओं की है. ये घरों जमीन और मस्जिदों पर हमला है. होली में हमारे मस्जिदों को ढका गया. ये काला कानून है, इसे लागू नहीं होने देंगे. अगर कहीं धांधली है तो सरकार उसकी जांच करें. इस कानून में दूसरे मजहब के लोगों को भी शामिल किया जाएगा.

बोर्ड ने आगे कहा, 'मजिस्ट्रेट को ज्यादा अधिकार दे दिए जाएंगे. ये कानून हमारे अधिकारों के खिलाफ है. जमाते इस्लामी, जमीयत उलेमा ए हिन्द, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, विपक्षी दलों के प्रतिनिधि विरोध प्रदर्शन में जंतर मंतर पर शामिल होंगे. JPC के सदस्यों को भी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है.'

13 मार्च को होना था धरना

बीते दिनों AIMPLB ऐलान किया था कि वह NDA सरकार में शामिल दलों समेत धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों की अंतरात्मा को जगाने के लिए 17 मार्च को जंतर-मंतर पर वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा. पहले ये धरना 13 मार्च को होना था, लेकिन होली के त्योहार की वजह से धरने के स्थगित कर दिया गया था.

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